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Summer camp
गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
गर्मी की छुट्टियां हर बच्चे के जीवन का सबसे उत्साहपूर्ण समय होता है। यह वह समय होता है जब पढ़ाई से थोड़ी राहत मिलती है और बच्चे खेलकूद, मनोरंजन व रचनात्मक गतिविधियों में खुलकर भाग ले सकते हैं। गाजियाबाद जैसे बड़े और तेजी से विकसित होते शहर में भी गर्मी की छुट्टियों के दौरान समर कैंप का आयोजन आम बात हो गई है। ऐसे कैंपों में बच्चों को डांस, म्यूजिक, सिंगिंग, पेंटिंग, थिएटर, गेम्स, क्रिकेट, फुटबॉल, तैराकी और जिमनास्टिक जैसी विभिन्न गतिविधियों में प्रशिक्षण दिया जाता है।
बच्चों की गतिविधियां
इन गतिविधियों का बच्चों के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान होता है। वे न सिर्फ नई चीजें सीखते हैं, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ाते हैं और टीमवर्क जैसी जरूरी जीवन कौशल भी विकसित करते हैं। आजकल जब बच्चे मोबाइल और वीडियो गेम्स की दुनिया में अधिक समय बिता रहे हैं, ऐसे में इन समर कैंप्स की उपयोगिता और भी बढ़ जाती है।
गुणवत्ता का अभाव
हालांकि, गाजियाबाद में समर कैंप की गुणवत्ता को लेकर कई माता-पिता चिंतित रहते हैं। यहां आयोजित होने वाले कई समर कैंपों में उचित प्रशिक्षकों की कमी, अव्यवस्थित कार्यक्रम और सुरक्षा मानकों का अभाव देखा गया है। बच्चों को उचित मार्गदर्शन और सुरक्षित वातावरण न मिलने की वजह से कई बार माता-पिता इन स्थानीय कैंपों पर भरोसा नहीं कर पाते।
दिल्ली और नोएडा
इसी कारण, कई माता-पिता अब अपने बच्चों को गाजियाबाद से बाहर, विशेषकर दिल्ली और नोएडा जैसे शहरों में आयोजित होने वाले उच्च गुणवत्ता वाले समर कैंप्स में भेजने का प्रयास करते हैं। वहां अनुभवी प्रशिक्षक, आधुनिक सुविधाएं और संगठित ढांचा बच्चों को बेहतर अनुभव प्रदान करते हैं।
दिल्ली और नोएडा के समर कैंप्स में विषयवस्तु पर विशेष ध्यान दिया जाता है, और प्रत्येक बच्चे की रुचि के अनुसार उन्हें गाइड किया जाता है। साथ ही, वहां की संस्थाएं बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देती हैं, जिससे माता-पिता अधिक आश्वस्त रहते हैं।
बेहद चिंतनीय
गाजियाबाद जैसे बड़े शहर में यह स्थिति चिंता का विषय है। स्थानीय प्रशासन और शिक्षा संस्थानों को चाहिए कि वे इस दिशा में सुधार करें। समर कैंप्स की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अच्छे प्रशिक्षकों की नियुक्ति, बच्चों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, और कैंप संचालन में पारदर्शिता लाई जाए। अगर गाजियाबाद में ही स्तरीय और व्यवस्थित समर कैंप्स उपलब्ध होंगे, तो माता-पिता को बच्चों को दूर भेजने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। समर कैंप केवल बच्चों के लिए एक मनोरंजक समय नहीं है, बल्कि यह उनके व्यक्तित्व विकास की नींव भी है। गाजियाबाद में अगर इनकी गुणवत्ता को बेहतर बनाया जाए तो यह शहर शिक्षा और बाल विकास के क्षेत्र में और आगे बढ़ सकता है।