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Tariff : टैरिफ मामले में 27 अगस्त है डेड लाइन, उद्यमियों में हलचल

अमेरिका द्वारा टैरिफ (निर्यात शुल्क) बढ़ाने की घोषणा ने जिले के उद्योगों में चिंता की लहर पैदा कर दी है। हालांकि, फिलहाल 27 अगस्त तक का समय मिला है, जिसमें पूर्व में आए ऑर्डर को पूरा किया जा सकेगा। इसके बाद आने वाले समय में अमेरिका को होने वाले निर्यात

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Syed Ali Mehndi
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फाइल फोटो

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गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता 

अमेरिका द्वारा टैरिफ (निर्यात शुल्क) बढ़ाने की घोषणा ने जिले के उद्योगों में चिंता की लहर पैदा कर दी है। हालांकि, फिलहाल 27 अगस्त तक का समय मिला है, जिसमें पूर्व में आए ऑर्डर को पूरा किया जा सकेगा। इसके बाद आने वाले समय में अमेरिका को होने वाले निर्यात पर नई शुल्क व्यवस्था लागू होगी।

उद्योगों पर बुरा प्रभाव 

गाजियाबाद के उद्योग मुख्य रूप से मशीनरी, ऑटो पार्ट्स और गारमेंट्स का उत्पादन कर अमेरिका को निर्यात करते हैं। इंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशन के राष्ट्रीय चैप्टर के पूर्व अध्यक्ष नीरज सिंह ने बताया कि इस फैसले से जिले के निर्यातकों पर सीधा असर पड़ेगा। वर्तमान में जो ऑर्डर पहले से पेंडिंग हैं, उन्हें बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के भेजा जा सकता है, लेकिन 27 अगस्त के बाद जो भी माल भेजा जाएगा, उस पर टैरिफ के अनुसार अधिक शुल्क लगेगा।

 उद्यमियों के लिए चुनौती 

अमेरिका के इस निर्णय के पीछे घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहन देने और विदेशी उत्पादों पर निर्भरता कम करने की रणनीति मानी जा रही है। लेकिन भारतीय उद्यमियों के लिए यह एक चुनौती बनकर सामने आया है, खासकर उन क्षेत्रों के लिए जिनका बड़ा बाजार अमेरिका में है।

केंद्र सरकार से आस 

गाजियाबाद के उद्योगपति मानते हैं कि सरकार को इस मसले पर अमेरिका से बातचीत करनी चाहिए, ताकि शुल्क वृद्धि का असर कम किया जा सके। उनका कहना है कि अगर टैरिफ बढ़ा तो न केवल निर्यात घटेगा बल्कि रोजगार पर भी असर पड़ेगा, क्योंकि ऑटो पार्ट्स और गारमेंट्स क्षेत्र में हजारों लोग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से काम करते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में निर्यातकों को अपनी रणनीति बदलनी होगी। उन्हें नए बाजार तलाशने के साथ-साथ उत्पादों की लागत कम करने और क्वालिटी में सुधार पर भी ध्यान देना होगा, ताकि प्रतिस्पर्धा में बने रह सकें।

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