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Technology : AI से मिनटों में होगी टीबी की जांच, डिजिटल एक्स-रे मशीन में इंस्टॉल होगा Ai सॉफ्टवेयर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है. देश को टीबी मुक्त बनाने के लिए लगातार धरातल पर प्रयास किया जा रहा है. गाजियाबाद में 24 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त हो चुकी है. जिले में टीबी के नए मरीजों को खोजा जा रहा है.

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Syed Ali Mehndi
नई टेक्नोलॉजी

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गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है. देश को टीबी मुक्त बनाने के लिए लगातार धरातल पर प्रयास किया जा रहा है. गाजियाबाद में 24 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त हो चुकी है. जिले में टीबी के नए मरीजों को खोजा जा रहा है. वहीं, गाजियाबाद में अब टीबी के मरीजों की पहचान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस Ai का इस्तेमाल किया जाएगा.

 टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल

जिला टीबी अधिकारी डॉ ऐके यादव के मुताबिक, डिजिटल एक्स-रे मशीन में Ai सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया जाएगा. Ai सॉफ्टवेयर बिना डॉक्टर के भी टीबी को डिटेक्ट कर पाएगा. इससे कि टीबी मुक्त अभियान को काफी रफ्तार मिलेगी. हाल ही में केंद्रीय क्षय रोग प्रभाग (सीडीटी) और राज्य की टीमों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हुई थी. गाजियाबाद को Ai सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने की अनुमति मिली है. सीडीटी द्वारा Ai सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराया जा रहा है. डॉ यादव के मुताबिक Ai सॉफ्टवेयर से विभाग को काफी मदद मिलेगी. जहां किसी कारणवश डॉक्टर की कमी है वहां भी स्क्रीनिंग आसान हो जाएगी.

एआई से होगी टीबी की जांच 

एआई सॉफ्टवेयर डिजिटल एक्स-रे मशीन में इंस्टॉल होगा. एक्स-रे होने के पश्चात डिजिटल एक्स-रे रिपोर्ट Ai सॉफ्टवेयर में भेजी जाएगी. डिजिटल एक्स-रे रिपोर्ट को स्कैन कर Ai सॉफ्टवेयर टीबी का पता लगाने का काम करेगा. सिर्फ एक मिनट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर टीबी रिपोर्ट पॉजिटिव या नेगेटिव है, बता देगा. फिलहाल Ai सॉफ्टवेयर का उपयोग स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में तीन केंद्रों पर किया जाएगा. Ai सॉफ्टवेयर का प्रयोग करने के लिए सिस्टम को अपग्रेड करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. अधिकारियों का दावा है कि उत्तर प्रदेश का गाजियाबाद पहला जिला है, जहां टीबी के मरीजों की पहचान करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद ली जाएगी.

दिया जाएगा प्रशिक्षण

गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा Ai सॉफ्टवेयर का संचालन करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को ट्रेनिंग उपलब्ध कराई जाएगी. माना जा रहा है की महीने भर में Ai सॉफ्टवेयर के माध्यम से टीबी के मरीजों की जांच शुरू हो सकती है. बता दें, गाजियाबाद में टीबी के मरीजों का पता लगाने के लिए 100 दिन का विशेष अभियान संचालित किया गया था. जिसके तहत करीब 8 लाख संदिग्ध लोगों की स्क्रीनिंग की गई. विशेष अभियान के तहत करीब 6242 टीबी के मरीजों की पुष्टि हुई थी.

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