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Tehsil Divas : फिर हुआ तहसील दिवस फ्लॉप,140 शिकायतें, 09 का निस्तारण

जनपद में शासन द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के अंतर्गत प्रत्येक माह के प्रथम एवं तृतीय शनिवार को सम्पूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया जाता है। इसका उद्देश्य आम नागरिकों की समस्याओं का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करना है। इसी क्रम में जनपद की

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Syed Ali Mehndi
तहसील दिवस

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गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता

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जनपद में शासन द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के अंतर्गत प्रत्येक माह के प्रथम एवं तृतीय शनिवार को सम्पूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया जाता है। इसका उद्देश्य आम नागरिकों की समस्याओं का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करना है। इसी क्रम में जनपद की तीनों तहसीलों – लोनी, मोदीनगर एवं सदर – में दिनांकित सम्पूर्ण समाधान दिवस आयोजित किया गया, जहां कुल मिलाकर 140 जन शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें से मात्र 09 शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण किया जा सका।

लोनी तहसील 

लोनी तहसील में सम्पूर्ण समाधान दिवस की अध्यक्षता अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) रणविजय सिंह ने की। इस अवसर पर नागरिकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और अपनी समस्याएं अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत कीं। लोनी में कुल 63 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें भूमि विवाद, अवैध कब्जा, विद्युत आपूर्ति, जल निकासी और पेंशन से संबंधित मुद्दे प्रमुख रूप से सामने आए। मौके पर मात्र 02 शिकायतों का समाधान किया जा सका, जबकि अन्य शिकायतों को संबंधित विभागों को अग्रेषित कर त्वरित निस्तारण हेतु निर्देशित किया गया।

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मोदीनगर तहसील 

मोदीनगर तहसील में भी सम्पूर्ण समाधान दिवस का आयोजन हुआ, जहां कुल 55 शिकायतें पंजीकृत की गईं। इनमें शासकीय योजनाओं का लाभ न मिलने, राशन कार्ड में त्रुटि, सड़क मरम्मत तथा विद्युत पोल शिफ्टिंग जैसे मामले शामिल रहे। इस तहसील में मौके पर 03 शिकायतों का निस्तारण किया गया, शेष पर कार्रवाई जारी है।

सदर तहसील 

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सदर तहसील में कुल 22 शिकायतें प्राप्त हुईं। यहां पर अधिकारियों ने अपेक्षाकृत सक्रियता दिखाते हुए मौके पर ही 04 मामलों का समाधान कर दिया। शिकायतें मुख्यतः नागरिक सुविधा, स्वास्थ्य सेवाओं में अनियमितता, राजस्व अभिलेख सुधार और सफाई व्यवस्था से जुड़ी रहीं।

फ्लॉप रहा तहसील दिवस 

तीनों तहसीलों में एसडीएम, तहसीलदार, पुलिस अधिकारी एवं संबंधित विभागों के कर्मचारी समाधान दिवस में उपस्थित रहे। परंतु मौके पर समाधान की दर कम होने पर कुछ असंतोष भी प्रकट किया। हालांकि शिकायतों की संख्या अधिक रही, लेकिन मौके पर निस्तारण की दर अपेक्षाकृत कम रही। इससे यह स्पष्ट होता है कि व्यवस्था को और अधिक दक्ष एवं उत्तरदायी बनाने की आवश्यकता है, ताकि आमजन की शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित हो सके। प्रशासन को चाहिए कि वे फॉलो-अप प्रणाली को सुदृढ़ करें, जिससे लंबित मामलों का शीघ्र निराकरण किया जा सके।

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