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Terror : चाइनीस मांझा बना जान का दुश्मन, 27 घायल

स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंधन जैसे त्योहारों के आसपास पतंगबाज़ी का क्रेज़ चरम पर होता है, लेकिन इसी जोश में अनजाने में एक गंभीर खतरा भी मंडराने लगता है – चाइनीस मांझा। यह मांझा ग्लास कोटेड और नायलॉन से बना होता है, जो न केवल इंसानों के लिए बल्कि पशु

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Syed Ali Mehndi
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फाइल फोटो

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गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता 

स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंधन जैसे त्योहारों के आसपास पतंगबाज़ी का क्रेज़ चरम पर होता है, लेकिन इसी जोश में अनजाने में एक गंभीर खतरा भी मंडराने लगता है – चाइनीस मांझा। यह मांझा ग्लास कोटेड और नायलॉन से बना होता है, जो न केवल इंसानों के लिए बल्कि पशु-पक्षियों के लिए भी जानलेवा साबित हो रहा है।

1 साल में 27 मामले 

गाजियाबाद की बात करें तो आंकड़ों के अनुसार अब तक इस वर्ष चाइनीस मांझे से पूरे जनपद में 27 मामले सामने आए हैं जिसमें अधिकतर मामले गले से जुड़े हैं जहां मांझी ने गले पर वार करते हुए दहशत फैला दी है।

दो पहिया वाहन चालकों की मुसीबत

शहर के विभिन्न इलाकों जैसे मोहननगर, लोनी, विजय नगर, साहिबाबाद में खुलेआम चाइनीस मांझे की बिक्री हो रही है। प्रशासन ने इसे प्रतिबंधित कर रखा है, फिर भी दुकानों में चोरी-छिपे इसकी बिक्री जारी है। हाल ही में संजय नगर इलाके में एक स्कूटी सवार युवक की गर्दन में मांझा उलझ गया, जिससे उसे गहरी चोटें आईं। यही नहीं, पक्षियों के घायल या मरने की घटनाएं भी लगातार सामने आ रही हैं।

जानलेवा है मांझा 

पुलिस और नगर निगम प्रशासन ने जनता से अपील की है कि चाइनीस मांझा न खरीदें और न ही दूसरों को खरीदने दें। पेट्रोलिंग टीमों को अलर्ट कर दिया गया है, लेकिन असली बदलाव जनता की जागरूकता से ही आएगा। इस खतरनाक मांझे से छुटकारा पाने के लिए आवश्यक है कि हम स्वदेशी, कॉटन या साधारण मांझे का इस्तेमाल करें। साथ ही, प्रशासन को भी चाहिए कि दुकानों पर औचक छापेमारी कर इस घातक मांझे की बिक्री को पूरी तरह से रोके।

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