Advertisment

Traffic jam: यातायात समस्या व्यवस्था बनी जी का जंजाल

हॉट सिटी गाजियाबाद एक प्रमुख शहर, विकास की दौड़ में तेजी से आगे बढ़ रहा है। लेकिन इस विकास के साथ-साथ शहर को कई समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है, जिनमें से सबसे गंभीर समस्या है – यातायात व्यवस्था की बदहाली। गाजियाबाद में हर दिन लाखों वाहन सड़कों पर

author-image
Syed Ali Mehndi
फाइल फोटो

फाइल फोटो

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता 

Advertisment

 हॉट सिटी गाजियाबाद एक प्रमुख शहर, विकास की दौड़ में तेजी से आगे बढ़ रहा है। लेकिन इस विकास के साथ-साथ शहर को कई समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है, जिनमें से सबसे गंभीर समस्या है – यातायात व्यवस्था की बदहाली। गाजियाबाद में हर दिन लाखों वाहन सड़कों पर उतरते हैं, लेकिन व्यवस्थित और सुचारू यातायात व्यवस्था के अभाव में यह शहर जाम और अव्यवस्था की भेंट चढ़ चुका है।

 जाम का जंजाल 

शहर के लगभग प्रत्येक चौराहे और मुख्य मार्गों पर दिन के किसी भी समय भारी जाम की स्थिति देखने को मिलती है। खासकर ऑफिस टाइम और स्कूलों की छुट्टी के समय हालात और भी बदतर हो जाते हैं। राजनगर, मोहननगर, वैशाली, शालीमार गार्डन, लोनी और घंटाघर जैसे प्रमुख क्षेत्रों में तो जाम एक आम समस्या बन चुका है। इन स्थानों पर वाहन रेंगते हुए चलते हैं और लोगों को कुछ किलोमीटर की दूरी तय करने में घंटों लग जाते हैं।

Advertisment

 यातायात पुलिस

यातायात पुलिसकर्मी व्यवस्था सुधारने का भरपूर प्रयास करते दिखाई देते हैं, लेकिन सीमित संसाधन और बढ़ते वाहनों की संख्या के सामने उनका प्रयास नाकाफी साबित होता है। एक ओर जहां पुलिसकर्मी चौराहों पर खड़े होकर ट्रैफिक को नियंत्रित करने का प्रयास करते हैं, वहीं दूसरी ओर चालान और कड़ी कार्रवाई के मामले में उनकी निष्क्रियता भी सामने आती है। अधिकांश अवैध पार्किंग, ओवरलोडेड वाहन, बिना नंबर प्लेट के दोपहिया वाहन और अनाधिकृत ऑटो-रिक्शा धड़ल्ले से चलते हैं, लेकिन उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई बहुत कम होती है।

 अवैध ओवरवेट वाहन 

Advertisment

ओवरलोडेड वाहन और अवैध रूप से चल रहे व्यावसायिक वाहन भी यातायात समस्या को बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए ये वाहन न केवल जाम का कारण बनते हैं, बल्कि सड़कों पर दुर्घटनाओं की संभावनाएं भी बढ़ाते हैं। कई जगहों पर अतिक्रमण के कारण सड़कें संकरी हो चुकी हैं, जिससे वाहन चालकों को और अधिक परेशानी होती है।

 सिर्फ चालान नहीं है निदान

समस्या का समाधान केवल पुलिस बल बढ़ाकर या चालान काटकर नहीं निकाला जा सकता। इसके लिए एक व्यापक और दीर्घकालिक नीति की आवश्यकता है। नगर निगम, यातायात विभाग और आम नागरिकों को मिलकर इस दिशा में कार्य करना होगा। सड़कों का चौड़ीकरण, अवैध अतिक्रमण का हटाना, सार्वजनिक परिवहन को बेहतर बनाना, पार्किंग व्यवस्था को सुदृढ़ करना और ओवरलोडेड व अवैध वाहनों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करना समय की मांग है।

Advertisment

सबकी जिम्मेदारी

गाजियाबाद जैसे शहर में ट्रैफिक समस्या केवल प्रशासन की नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक की चिंता होनी चाहिए। जब तक आम जनता ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करेगी और अपनी जिम्मेदारी नहीं समझेगी, तब तक कोई भी प्रयास सफल नहीं हो सकता। समय आ गया है कि सभी मिलकर यातायात व्यवस्था को "जी का जंजाल" नहीं बल्कि "जीवन की सुगमता" बनाएं।

 

Advertisment
Advertisment