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Traffic police : तेज गर्मी,ट्रैफिक कर्मी और बदहाल सुरक्षा बूथ

गाजियाबाद में इन दिनों भीषण गर्मी अपने चरम पर है। तापमान लगातार 43 डिग्री सेल्सियस के पार बना हुआ है, और लू के थपेड़े आम जनजीवन को प्रभावित कर रहे हैं। ऐसे कठिन हालात में जिला मुख्यालय गेट पर तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर

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Syed Ali Mehndi
यातायात पुलिस कर्मी और सुरक्षा बूथ

यातायात पुलिस कर्मी और सुरक्षा बूथ

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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता

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गाजियाबाद में इन दिनों भीषण गर्मी अपने चरम पर है। तापमान लगातार 43 डिग्री सेल्सियस के पार बना हुआ है, और लू के थपेड़े आम जनजीवन को प्रभावित कर रहे हैं। ऐसे कठिन हालात में जिला मुख्यालय गेट पर तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं। लेकिन चिंता की बात यह है कि इन कर्मियों को ना तो बुनियादी सुविधाएं मिल रही हैं और ना ही गर्मी से राहत देने वाले कोई इंतजाम किए गए हैं।

सुरक्षा बूथ
सुरक्षा बूथ

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जिला मुख्यालय का सुरक्षा बूथ 

जिला मुख्यालय के गेट पर प्रतिदिन करीब आठ घंटे की ड्यूटी पर तैनात ट्रैफिक कर्मचारी खड़े रहकर अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं। लेकिन उन्हें बैठने के लिए कोई उचित स्थान नहीं है, ना ही पीने के लिए ठंडे पानी की व्यवस्था है। हालत यह है कि सुरक्षा के लिए जो छोटा सा पुलिस बूथ वहां बना हुआ है, वह भी बदहाली की कहानी बयां कर रहा है। बूथ की दीवारें जर्जर हैं, पंखा काम नहीं करता और छत से टपकता पानी गर्मी में और परेशानी बढ़ा देता है। बूथ में न तो कोई कूलर है, न ही पीने के पानी का प्रबंध। ऐसे में ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी तपती धूप में खड़े रहकर अपनी ड्यूटी निभाने को मजबूर हैं।

155 ट्रैफिक पुलिस 

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गाजियाबाद शहर में कुल मिलाकर करीब 155 ट्रैफिक पुलिसकर्मी कार्यरत हैं जो आठ प्रमुख स्थानों पर तैनात रहते हैं। इन कर्मियों की तैनाती यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए की जाती है। कुछ स्थानों पर ट्रैफिक पुलिस को छाते, पानी की बोतलें और तापमान नियंत्रित हेलमेट जैसी आधुनिक सुविधाएं दी गई हैं। परंतु जिला मुख्यालय जैसे महत्वपूर्ण स्थान पर यह सुविधाएं नदारद हैं। सवाल यह उठता है कि आखिर जिला प्रशासन की नज़र मुख्यालय के बाहर तैनात इन पुलिसकर्मियों की स्थिति पर क्यों नहीं जाती?

स्वास्थ्य गंभीर समस्या

गर्मी में खड़े-खड़े कई बार पुलिसकर्मियों की तबीयत बिगड़ने की भी घटनाएं सामने आती रही हैं। इन कर्मियों को अक्सर धूप में ही खाना खाना पड़ता है और थकावट के बावजूद उन्हें आराम करने का कोई स्थान उपलब्ध नहीं होता। यह स्थिति न केवल अमानवीय है बल्कि कार्यक्षमता को भी प्रभावित करती है। शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को बनाए रखने वाले ये कर्मी यदि स्वयं ही असुविधा में रहेंगे तो उनकी सेवा का स्तर प्रभावित होना स्वाभाविक है।

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महत्वपूर्ण है सुरक्षा बूथ 

प्रशासन को चाहिए कि वे न सिर्फ मुख्यालय गेट पर बने सुरक्षा बूथ की मरम्मत कराएं, बल्कि वहां पंखा, कूलर और ठंडे पानी की उचित व्यवस्था भी सुनिश्चित करें। इसके अतिरिक्त, सभी ट्रैफिक कर्मियों को गर्मी से राहत देने के लिए नियमित रूप से छाते, पानी की बोतलें, सनस्क्रीन क्रीम और टेम्परेचर कंट्रोल हेलमेट जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। इन कर्मियों की भलाई सुनिश्चित करना न केवल मानवीय जिम्मेदारी है, बल्कि बेहतर ट्रैफिक प्रबंधन के लिए भी जरूरी है।

बेहद मुश्किल है ड्यूटी

गाजियाबाद जैसे महत्वपूर्ण शहर में यातायात कर्मियों की यह स्थिति गंभीर चिंता का विषय है। प्रशासन को अविलंब इन समस्याओं का संज्ञान लेना चाहिए और स्थायी समाधान सुनिश्चित करना चाहिए। जब तक ट्रैफिक पुलिस को बेहतर कार्य परिस्थितियां नहीं मिलेंगी, तब तक जनता को निर्बाध और सुरक्षित यातायात सुविधा उपलब्ध कराना एक चुनौती बना रहेगा।

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