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Transport Mafia: बच्चों की जान को है गंभीर खतरा, परिवहन विभाग लापरवाह

गाजियाबाद में स्कूलों के नाम पर 1700 से ज्यादा वाहन पंजीकृत है इनमें से 49 वाहनों की फिटनेस जांच नहीं कराई गई है बार-बार नोटिस देने के बाद भी स्कूलों के प्रबंध पर कोई असर नहीं पड़ रहा है इसके अलावा निजी वाहन को ने भी बच्चों को ढोया जा रहा है।

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Syed Ali Mehndi
ई-रिक्शा से स्कूल जाते बच्चे

ई-रिक्शा से स्कूल जाते बच्चे

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गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता

गाजियाबाद में स्कूलों के नाम पर 1700 से ज्यादा वाहन पंजीकृत है इनमें से 49 वाहनों की फिटनेस जांच नहीं कराई गई है बार-बार नोटिस देने के बाद भी स्कूलों के प्रबंध पर कोई असर नहीं पड़ रहा है इसके अलावा निजी वाहन को ने भी बच्चों को ढोया जा रहा है। यानी कि अगर आपका बच्चा स्कूल के ट्रांसपोर्ट से जाता है तो आपको सावधान रहने की आवश्यकता है साथ ही इस मामले में स्कूल प्रशासन से भी सवाल करना बेहद जरूरी है।

ट्रांसपोर्ट माफिया का राज

जिले में 58263 व्यावसायिक वाहन है जिनमें से 28112 वाहनों की फिटनेस नहीं कराई गई है इनमें ट्रक कैंटर सामान्य स्कूल बस ई रिक्शा ऑटो व अन्य छोटे वाहन शामिल है विभाग का दावा है कि फिटनेस खत्म होने पर वाहन स्वामियों को नोटिस दिया गया है। यदि बिना फिटनेस के वाहन सड़क पर चला मिला तो उसको जप्त किया जाएगा।

अधिकारी कहिन 

व्यावसायिक वाहनों की फिटनेस जांच न करने पर आरटीओ प्रवर्तन वहां कोशिश करने की कार्रवाई करता है लेकिन अफसर की उदासीनता की वजह से नियमों की धज्जियां उड़ रही है हालत यही कि बीते साल करीब 25000 वाहनों की फिटनेस जांच नहीं कराई गई थी इस साल इस आंकड़ों में 3000 की वृद्धि हुई है आरटीओ केडी गौर ने बताया कि व्यावसायिक वाहनों के खिलाफ लगातार कार्रवाई चल रही है रोजाना वाहनों को शीश किया जा रहा है प्रभावी कार्रवाई के लिए अधीनस्थों के साथ बैठक भी की गई।

 10000 ई रिक्शा अनफिट 

जिले में 25628 ई रिक्शा पंजीकृत है इनमें से 10345 का फिटनेस नहीं किया गया है लापरवाही की स्थिति यह है कि इनमें से 7000 रिक्शा ऐसे हैं जिन्हें नया लेने के बाद दोबारा फिटनेस ही नहीं किया गया।

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