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Unfortunately: सरकारी अस्पताल में अब नहीं होंगे हड्डी के ऑपरेशन

एक बार फिर सरकारी अस्पतालों में सीमित संसाधनों और डॉक्टरों की कमी को उजागर कर दिया है। आमजन के लिए यह एक चिंताजनक समय है, खासकर उन मरीजों के लिए जिनकी सर्जरी या उपचार पहले से तय थी। प्रशासन से उम्मीद की जा रही है कि वह शीघ्र कोई समाधान निकालकर मरीजों की

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Syed Ali Mehndi
जिला अस्पताल

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गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता 

एक बार फिर सरकारी अस्पतालों में सीमित संसाधनों और डॉक्टरों की कमी को उजागर कर दिया है। आमजन के लिए यह एक चिंताजनक समय है, खासकर उन मरीजों के लिए जिनकी सर्जरी या उपचार पहले से तय थी। प्रशासन से उम्मीद की जा रही है कि वह शीघ्र कोई समाधान निकालकर मरीजों की पीड़ा को कम करेगा।

ऑपरेशन बंद

पुलिस भर्ती बोर्ड ड्यूटी के चलते दोनों हड्डी रोग विशेषज्ञ अस्पताल से अनुपस्थित रहेंगे, जिससे मरीजों को न केवल सामान्य परामर्श में दिक्कत आएगी, बल्कि इस अवधि में हड्डी से संबंधित किसी भी प्रकार की सर्जरी भी अगले 15 दिन नहीं की जा सकेगी। एमएमजी अस्पताल में प्रतिदिन करीब 150 से 200 हड्डी रोगी इलाज के लिए पहुंचते हैं, जिनमें से कई को तत्काल ऑपरेशन की आवश्यकता होती है।

सरकारी ड्यूटी पर डॉक्टर

अस्पताल के सीएमएस डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि गाजियाबाद में चल रही पुलिस भर्ती प्रक्रिया के तहत एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है, जिसके लिए एमएमजी अस्पताल से तीन चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई गई है। इसमें आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. शेखर शेखर और डॉ. विनयकांत के अलावा नेत्र सर्जन डॉ. नरेंद्र भी शामिल हैं। डॉ. विनयकांत को गाजियाबाद पुलिस लाइन और डॉ. शेखर को बागपत में तैनात किया गया है।

सीएमओ को लिखा पत्र 

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) से अनुरोध किया है कि वैकल्पिक व्यवस्था के तहत किसी अन्य आर्थोपेडिक चिकित्सक की तैनाती की जाए, ताकि मरीजों को अत्यावश्यक इलाज मिल सके। हालांकि अभी तक कोई चिकित्सक उपलब्ध नहीं हो सका है।

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