Advertisment

Up Budget: विपक्षी बोले-सरकार समझती है नोएडा-गाजियाबादियों को असामी, 26 फीसदी राजस्व देने वालों की हुई अनदेखी

बीजेपी से जुड़े लोग नये बजट को बेहतर बता रहे हैं। विपक्षी दलों दावा है कि नोएडा(गौतमबुद्धनगर) और गाजियाबाद सूबे को 26 फीसदी राजस्व देते हैं। मगर, बजट में यहां किसी नई योजना का ऐलान नहीं किया। आरोप है कि सरकार इस जिले के लोगों को असामी समझने लगी है।

author-image
Rahul Sharma
gzb budget

वीरवार को पेश हुए बजट सत्र के दौरान डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के ठीक पीछे बैठे साहिबाबाद के विधायक और कैबिनेट मंत्री संजीव शर्मा व मंत्री स्वतंत्र प्रभार नरेंद्र कश्यप।

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता।

यूपी सरकार के बजट को राजनीति से जुड़े लोग अपने-अपने नजरिये से आंक रहे हैं। जहां बीजेपी और उससे जुड़े लोग बजट को सर्वसमाज के हित वाला करार दे रहे हैं, वहीं विपक्षी दलों का कहना है कि नये बजट में प्रदेश के सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले दिल्ली से सटे जनपद गाजियाबाद-गौतमबुद्धनगर की अनदेखी की गई है। उनका कहना है कि नये बजट में किसी भी नई योजना के लिए ऐलान नहीं किया गया।

दूधेश्वर के अनुयाईयों की भी अनदेखी की-सतीश शर्मा

congress
सतीश शर्मा, वरि.नेता, कांग्रेस, पूर्व कैबिनेट मंत्री, यूपी सरकार

 यूपी सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर रहे वरिष्ठ कांग्रेसी सतीश शर्मा का कहना है कि प्रदेश की योगी सरकार गाजियाबाद-गौतमबुद्धनगर के लोगों की उपेक्षा करती है। ये बात इस बजट से साफ हो गई है। यहां तमाम जनप्रतिनिधियों के रूप में बीजेपी के नेता बैठे हैं। इसके बावजूद सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले इन जिलों को सरकार ने एक धेले की कोई नई योजना देने का ऐलान नहीं किया। केवल पुरानी चल रही योजनाओं के मद में प्रदेश के अन्य जिलों की तरह मिलने वाली धनराशि उपलब्ध कराने का काम किया गया है। सतीश शर्मा कहते हैं। सरकार ने इस बजट में सिर्फ और सिर्फ पुरानी अपनी ही घोषणाओं के लिए खर्च का ब्योरा पढ़ा है। जबकि किसानों को गन्ने के भुगतान, सिंचाई या बिजली की आपूर्ति में राहत देने जैसी किसी तरह की नई योजना का ऐलान नहीं हुआ। सूबे के बेरोजगारों को खाली पड़ी सरकारी नौकरियों या अन्य सरकारी नौकरियों के सृजन के लिए कोई घोषणा नहीं की गई है। सबसे खास बात ये कि उप-चुनाव में जिस दूधेश्वर नाथ कोरिडोर का ऐलान खुद सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ करके गए थे, उसके लिए भी किसी तरह का प्रावधान इस बजट में नहीं किया गया। जबकि वाराणसी, मथुरा-वृंदावन, प्रयागराज, अयोध्या समेत प्रदेश के तमाम धार्मिक दृष्टि से अहमियत रखने वाले जिलों में विकास की योजनाओं की घोषणा हुई है।

गाजियाबाद-गौतमबुद्धनगर वालों को ठगा-फैजल हुसैन

sp adhyaksh
फैजल हुसैन, सपा जिलाध्यक्ष, गाजियाबाद

समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष फैजल हुसैन योगी सरकार के नये बजट को लेकर हैरान हैं। उनका कहना है कि जिस जिले में सांसद-5 विधायक, महापौर, जिला पंचायत अध्यक्ष से लेकर अधिकांश पालिकाओं के चेयरमैन तक भाजपा के हों वहां की ऐसी उपेक्षा उन्हीं की सरकार में होना बेहद शर्मनाक है। फैजल हुसैन का कहना है कि युवा, बेराजगारों, किसानों-मजदूरों और महिलाओं को ठगने का काम इस बजट में किया गया है। जिले में चौपट पड़ी स्वास्थ्य सेवाओं में कुछ सुधार करने के लिए किसी तरह का कोई प्रयास ही नहीं हुआ है। जबकि सभी जानते हैं कि जिले में लोग निजी अस्पतालों में इलाज के लिए मनमानी लूट करने वालों पर निर्भर हैं। सरकारी संस्थानों में ओपीडी की सेवाएं भी लगभग खुद बीमार हैं।

योगी सरकार की असलियत बता रहा है बजट-सत्यपाल चौधरी

satya pal chaudhary
सत्यपाल चौधरी, वरिष्ठ नेता, आजाद समाज पार्टी, यूपी

आजाद समाज पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा प्रत्याशी सत्यपाल चौधरी का योगी सरकार के बजट को लेकर कहना है कि इस बजट ने जनता को ये बता और जता दिया है कि गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर की जनता को बीजेपी सिर्फ और सिर्फ इस्तेमाल करने का काम कर रही है। दोनों जिले सरकार को प्रदेश के राजस्व का चौथाई से भी ज्यादा हिस्सा देते हैं। बावजूद इसके इस बार के बजट में एक भी विकास की नई योजना का ऐलान इन दोनों जिलों के लिए नहीं किया गया। सत्यपाल चौधरी का आरोप है कि सरकार में बैठे मंत्री इस जिले को लोगों को केवल आसामी समझते हैं। जबकि हकीकत ये है कि यहां चुने गए जनप्रतिनिधि केवल कठपुतली बने हैं। उनमें जनपदों में जनता की समस्याओं को हल कराने के लिए विकास की योजनाएं शुरू कराना छोडिए उनको लेकर आवाज उठाने की भी हिम्मत नहीं है।  

Advertisment

Advertisment
Advertisment