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एक तरफ जहां बीजेपी के विधायक नंदकिशोर गूर्जर ही योगी सरकार के पुलिस कमिश्नर के फैसले के खिलाफ मोर्चा खोले हैं, वहीं विपक्षी दल भी सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे सपा के बाद कांग्रेस भी सरकार पर आक्रामक हो गई है। इस मुद्दे पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और ययूपी सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर रह चुके सतीश शर्मा का कहना है कि वर्तमान बीजेपी की सरकार गरीब और कमजोर दुकानदारों को खत्म करने पर अमादा है।
'फैसला गलत-पहले विकल्प तलाशते'
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सतीश शर्मा ने कहा कि पुलिस कमिश्नर को पहले अन्य विभागों से बातचीत करके इस समस्या के समाधान के लिए हल तलाशना चाहिए था। ताकि इन रेहड़ी-पटरी और पैंठ बाजारों से अपने परिवारों का पेट पालने वाले हजारों गरीब दुकानदारों की रोजी-रोटी पर कोई संकट खड़ा नहीं होता। उन्होंने कहा कि इस तरह का फैसला किसी तुगलकी फरमान से कम नहीं है. पहले बाजारों को बंद कराना और बाद में विकल्प की तलास करना सही तरीका नहीं है।
'ई-रिक्शा चालकों पर भी अत्याचार किया'
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री ने कहा कि इस मामले की तरह ही पहले भी गाजियाबाद की पुलिस ई-रिक्शा चालकों के खिलाफ भी इसी तरह का गलत फैसला ले चुकी है। जिसकी वजह से सैकड़ों नहीं बल्कि हजारों ई-रिक्शा चालक आज भी संकट में हैं। अचानक पहले हाईवे से ई-रिक्शा यातायात व्यवस्था और जाम के नाम पर हटाए गए। फिर पुराना बस अड्डे से डासना तक संचालन बंद कराया गया। और उसके बाद बस अड्डे से चौधरी मोड तक संचालन बंद किया गया। विरोध के बाद भले ही चौधरी मोड से बस अड्डे तक संचालन शुरू हो गया। मगर बाकी जगह ई-रिक्शा का संचालन आज भी बंद है। पूर्व मंत्री ने कहा कि सैकड़ों ऐसे ई-रिक्शा चालक हैं, जो आज आर्थिक तंगी के कारम न सिर्फ परिवार का पेट पालने को लेकर परेशान हैं। बल्कि ई-रिक्शा संचालन रुकने से किश्ते नहीं दे पा रहे। जिससे दोहरा दवाब झेल रहे हैं।
'अतिक्रमण के नाम पर गरीबों को सर्दी में उजाड़ा'
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि इसी सरकार में लाईन पार क्षेत्र में अलग-अलग कारण बताकर रक्षा मंत्रालय की जमीन से गरीबों को सर्द मौसम में उजाड़ तो दिया। मगर उऩके रहने के बारे में कुछ नहीं सोचा।