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गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता। सिद्धार्थ विहार स्थित ब्रह्मपुत्र एनक्लेव, सेक्टर-10 में आवास विकास परिषद की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है। मंगलवार रात को यहां की मेंन रोड की दीवार भरभराकर गिर गई, जिससे स्थानीय निवासियों में भय का माहौल है। गिरती दीवारें और जर्जर मकान एक बड़ी त्रासदी की आशंका जता रहे हैं।
पिछले वर्ष भी इस क्षेत्र में कई मकानों में चोरी की घटनाएं हुई थीं, जिनका आज तक पुलिस खुलासा नहीं कर सकी है। अब दीवार गिरने से लोगों को डर सता रहा है कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। क्षेत्रीय लोगों का आरोप है कि निर्माण के समय ठेकेदारों ने घटिया सामग्री का प्रयोग किया था।
सिद्धार्थ विहार में नहीं है पानी निकासी की व्यवस्था
पूरे सिद्धार्थ विहार क्षेत्र में नाले और नालियों का अभाव है। पिछले 8 वर्षों में अधिकारियों ने कोई ठोस व्यवस्था नहीं की। कहीं-कहीं नाले खोदकर अधूरे छोड़ दिए गए हैं। बारिश के समय पूरा क्षेत्र जलमग्न हो जाता है, और सीवर का पानी पंपों के माध्यम से निकाला जाता है। अधिकारियों ने दूब क्षेत्र में स्थित कालोनियों, जैसे राहुल रेजिडेंसी, के सीवर कनेक्शन भी जबरन मुख्य सीवर लाइन से जोड़ दिए हैं, जिससे मूल निवासी परेशानी में हैं। लगातार सीवर जाम की स्थिति बनी रहती है, जिससे गंदगी और बदबू फैलती है।
2013 की योजना आज बन रही सिरदर्द
साल 2013 में समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान अल्प आय वर्ग के लोगों के लिए सिद्धार्थ विहार में 2000 वन बीएचके फ्लैट्स की योजना शुरू की गई थी। ये फ्लैट सेक्टर-7 में बनने थे, लेकिन किसानों से मुआवजे के विवाद के चलते निर्माण कार्य सेक्टर-7 और सेक्टर-10 में स्थानांतरित कर दिया गया। निर्माण में ठेकेदारों ने मानकों की अनदेखी की, जिसका परिणाम आज सामने है—दीवारें गिर रही हैं और मकान भी असुरक्षित हो चुके हैं।
निवासियों की प्रशासन से मांग
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि ब्रह्मपुत्र एनक्लेव की इमारतों की जल्द से जल्द जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। साथ ही क्षेत्र की बुनियादी समस्याओं जैसे सीवर, जल निकासी और सुरक्षा व्यवस्था को प्राथमिकता दी जाए।