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Waqf property : कब्रिस्तान पर अवैध कब्जा, बन गए 200 मकान

वक़्फ़ में दर्ज कब्रिस्तान की भूमि पर अवैध कब्जा हटाने संबंधी सहायक सर्वे आयुक्त वक्त की ओर से किया गया पत्राचार तहसीलदार के दफ्तर में 2 साल से धूल फांक रहा है शासनादेश के तहत सहायक सर्वे आयुक्त की ओर से पीपी एक्ट के तहत भूमि से अवैध कब्जा हटाने

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Syed Ali Mehndi
कब्रिस्तान पर अवैध कब्जा

कब्रिस्तान पर अवैध कब्जा : फोटो सुनील पवार

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गाजियाबाद वाईबीएम संवाददाता

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वक़्फ़ में दर्ज कब्रिस्तान की भूमि पर अवैध कब्जा हटाने संबंधी सहायक सर्वे आयुक्त वक्त की ओर से किया गया पत्राचार तहसीलदार के दफ्तर में 2 साल से धूल फांक रहा है शासनादेश के तहत सहायक सर्वे आयुक्त की ओर से पीपी एक्ट के तहत भूमि से अवैध कब्जा हटाने संबंधित तत्कालीन एसडीएम को भेजा गया पत्र तहसीलदार के दफ्तर में वर्ष 2023 से पुरानी फाइलों के बीच धूल पक रहा है स्थिति यह है कि वर्ष 2023 के अस्थाई तौर पर किए गए कब्जे वर्तमान में स्थाई भवन बन चुके हैं। इनके बैनामें भी हो चुके हैं।

मजार की जमीन पर अवैध कब्जा
मजार की जमीन पर अवैध कब्जा

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मजार और कब्रिस्तान बनी कॉलोनी 

एंटी भू माफिया पोर्टल पर 3 जून 2023 को शिकायत दर्ज कराई गई थी कि वक्त कब्रिस्तान दिल्ली गेट वह मजार बंगा शाह वक्त संख्या 355 की वर्कफों की संपत्ति खसरा नंबर 627 630 631 632 633 और 634 का कुल रकबा 2.465 हेक्टेयर भूमि पर भारी मात्रा में अवैध कब्जा किया गया है इस संबंध में वक्त के सहायक सर्वे आयुक्त की ओर से 29 अप्रैल 2023 को पी एक्ट के तहत कार्रवाई करने के लिए तत्कालीन एसडीएम सदर को पत्र भेजा गया था एसडीएम की ओर से पत्र को तहसीलदार को भेजा गया लेकिन अब तक वक्त की भूमि पर कब्जा मुक्त करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।

अवैध कॉलोनी
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पोर्टल पर शिकायत दर्ज होने के बाद एसडीएम ने 24 अगस्त 2023 भूमि पर अवैध कब्जे की जांच के लिए तहसीलदार की अध्यक्षता में पांच सदस्य टीम का गठन किया इसमें तहसीलदार नगर निगम में संपत्ति अधीक्षक वक्त निरीक्षक क्षेत्रीय राजस्व निरीक्षक एवं क्षेत्रीय लेखपाल को शामिल किया गया था भूमि की जांच करने संबंधी आदेश की फाइल तहसीलदार के दफ्तर तक ही सीमित रह गई इसकी कोई जांच नहीं हुई कार्रवाई न होने का फायदा उठाते हुए कब्जादारों ने अस्थाई ढांचे को स्थाई भावनाओं में तब्दील कर दिया और भूमि के बहन में भी कर दिए वर्तमान में कब्रिस्तान की भूमि पर 400 से अधिक दुकान मकान और गोदाम बना चुके हैं इसके साथ ही कई जातीय पंचायत भवनो का भी निर्माण किया गया है लेकिन आदेशों की फाइल से धूल अब तक हटाने का कोई नाम नहीं ले रही है।

पार्किंग भी बनाई
पार्किंग भी बनाई

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अधिकारी कहिन 

इस संबंध में एसडीएम सदर अरुण दीक्षित से जब पूछा गया तो उनका कहना है कि इसकी जानकारी तहसीलदार से ली जाएगी इसके बाद नियमानुसार ही कार्रवाई की जाएग

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