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Waqf property: मुतावली की भूमिका में मात खा गया मुस्लिम समाज

मुस्लिम समाज को इसमें सबसे बड़ी समस्या मुताबिली की भूमिका को लेकर सामने आ रही है जहां लगभग 300 से अधिक कैसी संपत्ति है जिनके मुताबिली नियुक्त तो हुए थे लेकिन अब वह सक्रिय नहीं है जिसके चलते वक्त संपत्तियों पर भी अवैध कब्जे की शिकायतें सामने आ रही हैं।

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Syed Ali Mehndi
वक़्फ़ बोर्ड

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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता

वक्फ बोर्ड संशोधन बिल लोकसभा और राज्यसभा में पास हो चुका है जिसका अब कानून बनना लगभग निश्चित है ऐसे में पूरे देश में आज यही हर जगह चर्चा का विषय बना हुआ है जिसका असर जिला प्रशासन के कार्य प्रणाली में भी देखने को मिल रहा है अल्पसंख्यक विभाग इन दिनों काफी व्यस्त है जहां वक्फ संपत्तियों का लेखा-जोखा तैयार किया जा रहा है। लेकिन मुस्लिम समाज को इसमें सबसे बड़ी समस्या मुताबिली की भूमिका को लेकर सामने आ रही है जहां लगभग 300 से अधिक कैसी संपत्ति है जिनके मुताबिली नियुक्त तो हुए थे लेकिन अब वह सक्रिय नहीं है जिसके चलते वक्त संपत्तियों पर भी अवैध कब्जे की शिकायतें सामने आ रही हैं। 

सरकारी जमीन पर धार्मिक स्थल

जिले में वक्फ की 874 संपत्ति हैं। इनमें से 421 यानी लगभग आधी सरकारी जमीन पर हैं। सरकारी जमीन पर स्थित संपत्तियों में धार्मिक स्थल भी हैं। यह रिपोर्ट सर्वे के बाद सामने आई है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने सर्वे कराकर रिपोर्ट शासन के पास भेज दी गई है। सर्वे वक्फ ( संशोधन ) विधेयक पर बनी संयुक्त संसदीय समिति के निर्देश पर कराया गया है।

875 वक्फ संपत्तियां 

सरकारी जमीन पर स्थित संपत्तियों का रकबा करीब 107.59 हेक्टेयर है। इन संपत्तियों का ब्यौरा वर्ष 1986 में प्रकाशित सरकारी गजट में दर्ज है। वहीं, नगर निगम क्षेत्र में ऐसी कुल 39 और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के क्षेत्र में एक संपत्ति है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने राजस्व विभाग को 875 वक्फ संपत्तियों की सूची सौंपी थी।

421 सरकारी ज़मीन पर 

तहसीलवार एसडीएम ने जांच की तो 421 वक्फ संपत्तियां सरकारी जमीन पर पाई गईं। सदर तहसील की सर्वाधिक 180 तो लोनी तहसील की सबसे कम 23 संपत्तियां हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि खाली पड़ी सरकारी जमीनों को वक्फ की संपत्तियों में दर्ज करा दिया गया है।

48 संपत्तियां पाई गईं बेनामी

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सर्वे के दौरान 48 संपत्तियां बेनामी पाई गई हैं। यानी यह ऐसी संपत्तियां हैं जिनका स्वामित्व अभी तक नहीं मिल पाया है। ऐसी संपत्तियों की जांच करने के निर्देश राजस्व विभाग को दिए गए हैं। इनके अलावा वक्फ बोर्ड की सूची में दर्ज संपत्तियों के अलावा करीब 500 संपत्तियां और हैं। मुगलकाल से पूर्व के दस्तावेजों से मिलान किया गया, जिसमें इन संपत्तियाें का उल्लेख है, लेकिन राजस्व विभाग के पास इनका कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। राजस्व विभाग इनकी पहचान नहीं कर पा रहा है।

शासन को भेज दी है रिपोर्ट 

वक्फ संपत्ति की सर्वे रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। सरकारी जमीन पर कई संपत्ति मिली हैं। रिपोर्ट में सभी का उल्लेख किया गया है - दिग्विजय सिंह, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी

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