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फाइल फोटो
गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
मेडिकल कचरे का निस्तारण एक संवेदनशील और आवश्यक प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य न केवल पर्यावरण की रक्षा करना है, बल्कि आमजन के स्वास्थ्य को भी सुरक्षित रखना है। हालांकि, हाल ही में जिला स्वास्थ्य विभाग को प्राप्त शिकायतों से यह स्पष्ट हुआ है कि जिले के कई अस्पताल और निजी क्लिनिक मेडिकल कचरे के निस्तारण में गंभीर लापरवाही बरत रहे हैं।
नियमों का पालन आवश्यक
शिकायतों के अनुसार, कई चिकित्सा संस्थान बायोमेडिकल वेस्ट (जैसे कि इस्तेमाल की हुई सुइयां, दस्ताने, खून से सने कपड़े, टिशू आदि) को निर्धारित मानकों के अनुसार अलग करने और निस्तारित करने के बजाय, सामान्य कचरे के साथ ही फेंक रहे हैं। यह न केवल पर्यावरण के लिए खतरा है, बल्कि इससे संक्रमण फैलने की संभावना भी बढ़ जाती है।
कार्यवाही की तैयारी
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल संज्ञान लिया है और कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार, एक विशेष जांच टीम का गठन किया गया है, जो इन चिकित्सा संस्थानों की जांच करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 के तहत निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन हो रहा है या नहीं।
लापरवाही बर्दाश्त नहीं
जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि किसी अस्पताल या क्लिनिक में नियमों का उल्लंघन पाया गया, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें नोटिस जारी करना, जुर्माना लगाना और लाइसेंस रद्द करना भी शामिल है।
गंभीर अपराध
विभाग का यह भी कहना है कि मेडिकल संस्थानों को पहले ही इन नियमों की जानकारी दी जा चुकी है और उन्हें समय-समय पर प्रशिक्षण भी दिया गया है। इसके बावजूद यदि कोई संस्थान इन नियमों का पालन नहीं करता, तो यह गंभीर अपराध की श्रेणी में आएगा।
बेहद खतरनाक
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, मेडिकल कचरे का अनुचित निस्तारण न केवल अस्पताल कर्मचारियों और मरीजों को नुकसान पहुंचा सकता है, बल्कि आसपास के लोगों को भी गंभीर बीमारियों की चपेट में ला सकता है। विशेष रूप से टीबी, हेपेटाइटिस और एचआईवी जैसी संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
स्वास्थ्य विभाग सजग
यह कदम स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक सकारात्मक पहल है जो यह सुनिश्चित करेगा कि जिले में सभी चिकित्सा संस्थान स्वच्छता और सुरक्षा मानकों का पालन करें। साथ ही, यह जागरूकता भी उत्पन्न करेगा कि मेडिकल कचरे के उचित निस्तारण में समाज की सुरक्षा निहित है।