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Weather Health Efect: मौसम की मार हर घर कोई ना कोई बीमार, निजी चिकित्सकों के यहां मरीजों की भीड़

गर्मी बढ़ गई है और मौसम के सितम से हर घर में कोई ना कोई बीमार हो रहा है। सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजों की कतार है तो ट्रांस हिंडन एरिया में निजी चिकित्सकों के यहां मरीजों की लंबी लाइन लगी है।

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Neeraj Gupta
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सरकारी अस्पताल में ओपीडी के मरीज
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ट्रांस हिंडन बाईबीएन संवाददाता 

गर्मी बढ़ गई है और मौसम के सितम से हर घर में कोई ना कोई बीमार हो रहा है। गाजियाबाद में सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजों की कतार है तो ट्रांस हिंडन एरिया में निजी चिकित्सकों के यहां मरीजों की लंबी लाइन लगी है। झोलाछाप भी कम रुपयों में मरीजों के लिए बेहतर साबित हो रहे हैं। डॉक्टर मौसम जनित बीमारियों की रोकथाम में कुछ घरेलू टिप्स को काफी कारगर बताते हैं।

वैशाली, वसुंधरा, कौशांबी, साहिबाबाद और इंदिरापुरम से लेकर ट्रांस हिंडन के सभी इलाकों में हर घर में खांसी, जुकाम, बुखार, वायरल, गले में इन्फेक्शन और शरीर में दर्द के मरीज हैं। स्वास्थ केंद्रों पर सुबह से ही ऐसे मरीजों की लंबी लाइन देखी जाती है। किसी की सांस उखड़ रही है तो किसी का बुखार से शरीर टूट रहा है। आंखों में दिक्कत, डायरिया से पीड़ित होकर भी मरीज पहुंच रहे हैं। भीड़ की अधिकता के चलते मरीजों को तीन घंटे तक का समय लग रहा है। जिले में तीन दिन से सुबह के समय हल्की ठंड व दोपहर में निकल रही तेज धूप लोगों की सेहत को बिगाड़ रही है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।

प्राइवेट प्रैक्टिशनर के यहां काफी मरीज

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कम पैसे वाले लोग तो झोलाछाप, नीम हकीम और आर्युवैदिक डॉक्टरों के यहां ही सस्ते में इलाज करा रहे हैं, जबकि पैसे वाले लोग प्राइवेट प्रैक्टिशनर के पास जाकर इलाज करा रहे हैं। 

हॉस्पिटल में भी मौसम जनित रोगी काफी 

वायरल फीवर कई दिन तक ठीक नहीं होने पर मरीज बड़े हॉस्पिटल का रुख कर रहे हैं। पहले ओपीडी में इलाज कराते हैं और सही नहीं होने पर एडमिट होना ही मुनासिब समझा जाता है। हेल्थ इंश्योरेंस भी एडमिट होने के पीछे एक बड़ा कारण होता है। 

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अप्रैल में मौसमी बीमारियों में इजाफा

 अप्रैल के मौसम में बदलाव के कारण, कुछ लोग बीमार हो रहे हैं, खासकर सर्दी, खांसी और फ्लू जैसे वायरल संक्रमणों से। 

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मौसम और स्वास्थ्य पर प्रभाव

मौसम में अचानक बदलाव से शरीर को अनुकूलित करने में कठिनाई हो सकती है, जिससे बीमारियां हो सकती हैं। 

वायरल संक्रमण

सर्दी, शरीर में ऐंठन, खांसी और फ्लू जैसे वायरल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। 

पाचन संबंधी समस्याएं

गर्मियों में भोजन जल्दी खराब होने लगता है, जिससे डायरिया और पेट दर्द जैसी पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

पानी की कमी

गर्मी बढ़ने के साथ ही शरीर में पानी की जरूरत बढ़ जाती है।

स्वस्थ रहने के उपाय: कुछ घरेलू नुस्खे

संतुलित आहार: आंवला, दालें, अनाज, गेहूं-चने का आटा, ताजा चावल, मक्का आदि का सेवन करें।

लहसुन, अदरक और दूध

लहसुन, अदरक, दूध एवं गन्ने से बनी चीजें खानी चाहिए।

गुनगुना पानी

गुनगुना पानी पिएं, इससे पाचन एवं शरीर से विषाक्त तत्व बाहर निकलते हैं।

शरीर को ठंडा रखें

गर्मी से बचने के लिए ठंडी जगह पर रहें और खूब पानी पिएं। साफ-सफाई का ध्यान रखें, खासकर बरसात के मौसम में। 

एसी और ठंडे पेय पदार्थों से बचें

फ्रिज से 10 मिनट पहले निकाल कर पिएं और खाएं। खट्टे पेय पदार्थों से बचें। बाहर से आकर एकदम से एसी में बैठने से बचें। एसी में कपड़ा ओढ़कर सो जाएं। 

वायरल जोरों पर है, तुरंत डॉक्टर को दिखाएं: डॉ संजय विनायक 

शरीर में कोई भी दिक्कत होने पर डॉक्टर को दिखाएं, लापरवाही नहीं करें। आजकल वायरल फीवर तेजी से फैल रहा है। चिंता को कोई बात नहीं है। परफेक्ट दवा लेने और कुछ वस्तुओं के परहेज से 5 दिन में पूरी तरह मरीज स्वस्थ हो जाता है। 

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