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Weekly market dispute: मेयर बोलीं-नहीं होने दूंगी अवैध वसूली, पॉलिसी बनेगी

जिले को साप्ताहिक बाजारों से लगने वाले जाम से मुक्ति दिलाने के पुलिस के फैसले के बाद से चल रहे विवाद में महापौर सुनीता दयाल की भी एंट्री हो गई है।

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Syed Ali Mehndi
nagar nigam

महापौर सुनीता दयाल

गाजियाबाद आईबीएन संवाददाता।

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बीजेपी विधायक संजीव शर्मा और समाजवादी पार्टी के दुकानदारों की पैरवी में आने के बाद अब महापौर सुनीता दयाल ने कहा है कि वो बाजारों से अवैध उगाही नहीं होने देंगी। जल्द ही इनके लिए एक पॉलिसी बनाई जाएगी।

ये है मामला

जिले को साप्ताहिक बाजारों से लगने वाले जाम से मुक्ति दिलाने के लिए पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर बाजारों को जाम लगने वाली जगहों पर सड़कों से हटाया जा रहा है। इस फैसले का दुकानदार विरोध कर रहे थे। जिसमें सैकड़ों दुकानदारों ने गाजियाबाद के विधायक संजीव शर्मा से मुलाकात करके समाधान निकालने को कहा था। संजीव शर्मा ने इस मामले पर कमिश्नर से बात कर बाजारों के लिए जगह चिंहित करने को कहा था। जबकि समाजवादी पार्टी की तरफ से भी इस मुद्दे पर प्रशासन से मांग की गई थी कि बाजारों के लिए जगह तय की जाए। और तब तक उन्हें हटाने का फैसला न लिया जाए। इस विवाद में महापौर सुनीता दयाल की भी एंट्री हो गई है। इन बाजारों को लेकर अब उनका बयान आया है कि वो इन बाजारों के लिए एक अलग पॉलिसी बनाएंगी, ताकि बाजार से अपनी जीविका चलाने वाले दुकानदारों को सहूलियत मिले और उनसे अवैध उगाही न हो।  

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ये कहा महापौर सुनीता दयाल ने

महापौर सुनीता दयाल

महापौर सुनीता दयाल ने चेतावनी देते हुए कहा है कि कोई भी आसामाजिक तत्व किसी भी तरह से पेंठ बाजार के दुकानदारों से अवैध उगाही नहीं कर सकेगा। इसके लिए नगर निगम पैठ बाजार की पॉलिसी लाएगा और बाजार लगाने वालों के साथ सहयोग करते हुए इस व्यवस्था को जारी रखेगा।

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बाजारों से ये परेशानी

शहर के अधिकांश वार्डो में साप्ताहिक बाजार लगाए जाते हैं। ये बाजार शहर की सड़कों और गली-मुहल्लों में लगते हैं। इससे आने-जाने का रास्ता अवरुद्ध हो जाता है और स्थानीय लोगों को दिक्कतों से जूझना पड़ता है। यहां तक की इन बाजारों के चलते लोग बीमारी के दौरान अपने घर से अस्पताल भी वक्त से नहीं पहुंच पाते। लम्बा जाम लगने से बाजारों के दौरान लोगों को औऱ भी कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है।

निगम व्यवस्थित करेगा साप्ताहिक बाजार 

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साप्ताहिक बाजार

इस व्यवस्था से होने वाली जाम की समस्या को खत्म करने के लिए पुलिस कमिश्नर ने बाजारों को बंद कराने का फैसला किया था। अब नगर निगम भी पॉलिसी बनाकर पैठ बाजारों को व्यवस्थित करने की बात कह रहा है। जाहिर है कि इससे स्थानीय लोगो की बड़ी समस्या का समाधान होगा और बाजार के लोगो का रोजगार भी प्रभावित नही होगा। 

उगाहीबाजों की बंद होंगी दुकान

गौरतलब है कि इन बाजारों से अवैध उगाही करने के मामले गाहे-ब-गाहे सामने आते रहते हैं। पिछले दिनों कविनगर जोन के जोनल प्रभारी ने भी पुलिस से एक शिकायत की थी। उसके बाद एक मुकदमा शास्त्रीनगर के पार्षद की ओर से दर्ज कराया गया था। वह मामला अभी जांच में लंबित है जबकि इसी बीच पुलिस कमिश्नर के बाजारों पर रोक लगाने के आदेश के बाद इस बाजार प्रकरण में महापौर के आने से ये विवाद नया रूप ले रहा है। जाहिर है कि निगम के पॉलिसी बनाने से उन लोगों की मुसीबत बढ़ेगी जो बाजारों से अवैध उगाही का कारोबार अरसे से करते आ रहे हैं। इनमें कई शहर के नामचीन लोगों के नाम भी चर्चा में हैं।

अवैध उगाई की आती रही है शिकायतें 

इस मामले में बताया जाता है की साप्ताहिक बाजार लगाने वालों से कुछ लोग अवैध उगाई करते हैं यह लोग क्षेत्रीय दबंग होते हैं और बाकायदा पूरे सिस्टम के साथ टीम बनाकर प्रत्येक दुकानदार से एक निश्चित रकम लेते हैं कहा तो यहां भी तक जाता है कि इस मामले में संबंधित चौकी क्षेत्र के कुछ निचले स्तर के कर्मचारी गुपचुप तरीके से पूरे गोरख धंधे में शामिल रहते हैं। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से साप्ताहिक बाजार पर पुलिस प्रशासन ने रोक लगा दिए जिसके चलते बहुत सारे क्षेत्र में लोगों को असुविधा हो रही है इस परेशानी से निजात पाने के लिए साप्ताहिक बाजार के व्यापारी भी विभिन्न राजनीतिक दलों के चक्कर काट रहे हैं।

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