गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता। आज के डिजिटल युग में वॉट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म जहां आम लोगों को अपनी समस्याएं साझा करने और समाधान की दिशा में प्रयास करने का अवसर देते हैं, वहीं इनका दुरुपयोग सामाजिक मर्यादाओं को तोड़ने का जरिया भी बनता जा रहा है। गाजियाबाद के राजनगर क्षेत्र में ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां वॉट्सएप ग्रुप पर एक युवक ने नगरायुक्त के खिलाफ अभद्र और आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया, जिसके बाद पुलिस ने तत्काल संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज कर लिया है।
यह घटना ‘राजनगर प्रॉब्लम एंड सॉल्यूशन’ नामक एक स्थानीय वॉट्सएप ग्रुप में घटी, जिसमें क्षेत्र के कई प्रतिष्ठित नागरिक, समाजसेवी और अधिकारी जुड़े हुए हैं। इस ग्रुप में गाजियाबाद के नगरायुक्त का एक वीडियो साझा किया गया था, जिसमें उन्होंने नागरिकों से अपील की थी कि वे जल संरक्षण करें, सार्वजनिक स्थानों पर वाहनों की पार्किंग नियमों के अनुसार करें और स्वच्छ पानी का वाहन धोने जैसे कार्यों में दुरुपयोग न करें।
प्रवीण सिंह ने की अशोभनीय टिप्पणी, जाति का भी किया उल्लेख
इस वीडियो पर राजनगर एक्सटेंशन निवासी प्रवीण सिंह नामक युवक ने अशोभनीय टिप्पणी करते हुए नगरायुक्त के खिलाफ न केवल अभद्र भाषा का प्रयोग किया, बल्कि जातिगत टिप्पणी भी कर दी। युवक ने लिखा, “राजनगर एक्सटेंशन की सड़कों, फुटपाथों और डिवाइडरों की पेड़ों की छंटाई भी करवा दें, [अपमानजनक जातिगत टिप्पणी]...”। इस भाषा को देखकर ग्रुप में मौजूद अन्य सदस्यों ने नाराजगी जताई और मामले की शिकायत पुलिस से की।
पुलिस ने लिया संज्ञान, केस दर्ज कर शुरू की गिरफ्तारी की प्रक्रिया
शिकायत मिलने पर पुलिस हरकत में आई और युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। एसीपी नंदग्राम ने बताया कि आरोपी प्रवीण सिंह के खिलाफ आईटी एक्ट समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है। उसकी गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए गए हैं और जल्द ही उसे हिरासत में लिया जाएगा।
नगर निगम की नहीं है जिम्मेदारी, युवक को नहीं थी जानकारी
सबसे महत्वपूर्ण बात यह सामने आई है कि राजनगर क्षेत्र अभी नगर निगम के अंतर्गत नहीं आता बल्कि यह गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) के अधीन है। ऐसे में नगरायुक्त पर की गई टिप्पणी न केवल अनुचित है, बल्कि यह युवक की जानकारी के अभाव को भी दर्शाती है। नगर निगम का सीधा दायित्व इस क्षेत्र में नहीं बनता।
समाजसेवी सुभाष गुप्ता ने जताई नाराजगी, पुलिस को किया टैग
इस पूरे मामले को लेकर समाजसेवी सुभाष गुप्ता ने ट्विटर पर पुलिस अधिकारियों को टैग करते हुए नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने लिखा, “गाजियाबाद के नगरायुक्त ने जो वीडियो जारी कर नागरिकों से जल संरक्षण और पार्किंग व्यवस्था सुधारने की अपील की, उस पर इस युवक ने जिस प्रकार की भद्दी और अमर्यादित टिप्पणी की है, वह शर्मनाक है। उम्मीद है गाजियाबाद पुलिस इस पर उचित कार्रवाई करेगी।”
साइबर अपराध के मामलों में बढ़ोतरी, जागरूकता जरूरी
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि सोशल मीडिया का दुरुपयोग कानूनी कार्रवाई की नींव बन सकता है। आईटी एक्ट के तहत ऐसे मामलों में आरोपी को जेल तक जाना पड़ सकता है। पुलिस प्रशासन ने भी स्पष्ट किया है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक टिप्पणी, विशेषकर सार्वजनिक अधिकारियों और जातिगत आधार पर की गई टिप्पणियां बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।
वॉट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म का उद्देश्य जन संवाद को सशक्त बनाना है, न कि उसे अपमानजनक भाषा और सामाजिक विभाजन का जरिया बनाना। इस मामले में त्वरित पुलिस कार्रवाई न केवल कानून का पालन सुनिश्चित करती है बल्कि समाज में एक स्पष्ट संदेश भी देती है – कि डिजिटल मर्यादा का उल्लंघन अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।