Advertisment

Yogi sarkar : 715 लाख से होगा धार्मिक स्थलों का पर्यटन विकास

गाजियाबाद जनपद, जो अब तक अपने औद्योगिक विकास और शहरी विस्तार के लिए जाना जाता रहा है, अब धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के क्षेत्र में भी नए आयाम स्थापित करने जा रहा है। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा जनपद के तीन प्रमुख धार्मिक स्थलों के विकास के लिए

author-image
Syed Ali Mehndi
एडिट
धार्मिक नगरी बनेगी गाजियाबाद

धार्मिक नगरी बनेगी गाजियाबाद

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता

गाजियाबाद जनपद, जो अब तक अपने औद्योगिक विकास और शहरी विस्तार के लिए जाना जाता रहा है, अब धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के क्षेत्र में भी नए आयाम स्थापित करने जा रहा है। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा जनपद के तीन प्रमुख धार्मिक स्थलों के विकास के लिए कुल 715.25 लाख रुपये की परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। यह निर्णय न केवल धार्मिक आस्था को सुदृढ़ करेगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास, रोजगार सृजन और सांस्कृतिक संवर्धन में भी सहायक सिद्ध होगा।

भगवान श्री परशुराम मंदिर
भगवान श्री परशुराम मंदिर

 भगवान परशुराम मंदिर

तीनों परियोजनाओं में प्रमुख है मुरादनगर स्थित भगवान परशुराम मंदिर, जिसे एक पवित्र और ऐतिहासिक स्थल माना जाता है। परशुराम, जिन्हें विष्णु के छठे अवतार के रूप में पूजा जाता है, उनके मंदिर का पर्यटन विकास स्थानीय एवं बाहरी श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगा। प्रस्तावित विकास कार्यों में मंदिर परिसर का सौंदर्यीकरण, सुविधाओं का विस्तार और पर्यटक सहायता केंद्रों की स्थापना शामिल है।

श्री महामाया मंदिर सिकरी
श्री महामाया मंदिर सिकरी

 महामाया मंदिर सीकरी

Advertisment

दूसरी परियोजना मोदीनगर के सीकरी गांव में स्थित महामाया मंदिर के विकास को लेकर है। यह मंदिर स्थानीय मान्यताओं के अनुसार अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है, और नवरात्रि जैसे पर्वों पर यहां भारी भीड़ उमड़ती है। पर्यटन विभाग द्वारा मंदिर परिसर में यात्री विश्राम गृह, स्वच्छ पेयजल, शौचालय और साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था की जाएगी, जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा मिलेगी।

श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर
श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर

 श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मंदिर

तीसरी महत्वपूर्ण योजना दूधेश्वरनाथ महादेव मंदिर से जुड़ी है, जो गाजियाबाद शहर के मध्य स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर है। यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि ऐतिहासिक और वास्तुकला के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। दूधेश्वरनाथ मंदिर में हर वर्ष महाशिवरात्रि और सावन माह में लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। विकास योजना में मंदिर की विरासत को संजोते हुए आधुनिक सुविधाएं जैसे इलेक्ट्रॉनिक सूचना प्रणाली, प्रकाश व्यवस्था, सीसीटीवी निगरानी, और तीर्थयात्रियों के लिए ठहरने की सुविधा को सम्मिलित किया गया है।

 मिलेगी नई पहचान

Advertisment

इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन से गाजियाबाद जनपद उत्तर प्रदेश के धार्मिक पर्यटन मानचित्र पर एक नई पहचान प्राप्त करेगा। साथ ही स्थानीय लोगों के लिए भी यह रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर लेकर आएगा। इन स्थलों पर होने वाले विकास कार्य न केवल धार्मिक भावनाओं को मजबूती देंगे, बल्कि स्वच्छता, सुरक्षा और आधुनिकता के समन्वय से पर्यटकों का अनुभव भी बेहतर होगा।

 पर्यटन का विकास

इस प्रकार, गाजियाबाद का धार्मिक पर्यटन विकास, प्रदेश सरकार के 'एक जिला, एक पर्यटन स्थल' नीति को मजबूती प्रदान करेगा और भविष्य में जनपद को एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल के रूप में स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगा।

Advertisment
Advertisment