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मुरादनगर के सारा गांव में तालाब की जमीन पर बने अवैध मदरसे पर बुल्डोजर एक्शन।
गांव सारा में तालाब की भूमि पर अवैध रूप से बने मदरसे को प्रशासन की टीम ने सोमवार को ध्वस्त करा दिया। खास बात ये है कि महीनों से अफसरों के आदेशों के बावजूद निचले स्तर पर इस कार्यवाही को टाला जा रहा था। मगर, बीती 20 जनवरी को यंग भारत न्यूज के मामले को प्रमुखता से उठाने के बाद उच्चाधिकारियों ने संज्ञान लिया और पूरी तैयारी के साथ भारी पुलिस-पीएसी की मौजूदगी में करोड़ों की संपत्ति से अवैध मदरसा हटाया गया।
ये है मामला
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मुरादनगर के गांव सारा में काफी समय से एक अवैध मदरसे का निर्माण किया हुआ था। इस जगह मदरसे के अलावा अन्य समारोह का आयोजन भी किया जाता था। इस मामले में गांव के लोगों ने शिकायत की थी कि मदरसे को तालाब की भूमि पर बनाया गया है। शिकायत की जांच हुई तो आरोप सही पाए गए। लेकिन अलगःअलग अफसरों के आदेशों के बावजूद इसके ध्वस्तीकरण की कार्यवाही नहीं हो रही थी।यंग भारत की खबर का संज्ञान लेते हुए सोमवार को प्रशासनिक टीम पुलिस और पीएसी मौके पर पहुंची और दो जेसीबी मशीन की मदद से करीब चार घंटे चली कार्यवाही में अवैध रुप से बने मदरसे को ध्वस्त कर दिया।
हंगामा भी हुआ, मगर तैयारी थी
प्रशासन को हंगामा होने की आशंका पहले ही से थी। इसके चलते मौके पर दो प्लाटून पीएसी के जवानों के अलावा थाना निवाड़ी, भोजपुर, मोदीनगर, मुरादनगर, मसूरी सहित सात थानों की पुलिस फोर्स लगाई गई थी। भारी पुलिस फार्स के बावजूद हंगामा हुआ। जाम लगाने की भी कोशिश हुई । मगर, एक्शन जारी रहा।
ये अफसर रहे मौजूद
उपजिलाधिकारी डॉ.पूजा गुप्ता ने बताया कि गांव सारा में तालाब की भूमि पर बना अवैध मदरसे को ध्वस्त कर दिया गया है। इस मौके पर शांति व्यवस्था कायम रही। एसीपी मोदीनगर ज्ञानप्रकाश राय भी मौजूद रहे।
समाधान दिवस में की गई थी आखिरी शिकायत
जनवरी महीने में गांव सारा के लोगों ने प्रशासन की तरफ से लगने वाले संपूर्ण समाधान दिवस में इस मामले की लिखित शिकायत की थी। वहां मौजूद अफसरों को भी लोगों ने बताया था कि कोर्ट से लेकर विभागों के अफसरों के आदेश की भी अनदेखी हो रही है। हालाकि समाधान दिवस में मौजूद उच्चाधिकारियों ने ग्रामीणों को जल्द ही अवैध निर्माण के ध्वीस्तीकरण की कार्रवाई करने के साथ-साथ तालाब को फिर अस्तित्व में लाने और उसका सोंदर्यीकरण कराने का आश्वासन दिया था। मगर, पूरे मामले को यंग भारत न्यूज ने 20 जनवरी को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया और अफसरों ने खबर का संज्ञान लेते हुए ये बड़ी कार्यवाही कर करोड़ों की सरकारी भूमि को कब्जा मुक्त कराया।