गुरुग्राम, वाईबीएन संवाददाता। आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर यहां भाजपा कार्यालय में बुधवार को पत्रकार वार्ता में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि इंदिरा गांधी ने सत्ता बचाने की हताशा में देश पर आपातकाल थोपा था। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने आंतरिक अशांति की आड़ लेकर अनुच्छेद 352 का दुरुपयोग किया। इस दौरान गोष्ठी भी आयोजित की गई।
आपातकाल लगाना राजनीतिक दृष्टि से घातक निर्णय था
उन्होंने कहा कि आपातकाल लगाना राजनीतिक दृष्टि से तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का घातक निर्णय था। प्रेसवार्ता के दौरान केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के साथ जिला अध्यक्ष सर्वप्रिय त्यागी, विधायक मुकेश शर्मा, मेयर राजरानी मल्होत्रा और जिला उपाध्यक्ष अजीत यादव मौजूद रहे। राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि आपातकाल के दौरान एक करोड़ सात लाख लोगों की नसबंदी की गई। 26 हजार नेताओं के अलावा दो लाख लोगों को आपातकाल का विरोध करने पर जेलों में ठूंसा गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने इस काले अध्याय में न केवल लोकतांत्रिक संस्थाओं को रौंदा, बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता, न्यायपालिका की निष्पक्षता और नागरिकों के मौलिक अधिकारों को कुचलकर यह स्पष्ट कर दिया कि जब-जब कांग्रेस की सत्ता संकट में होती है, कांग्रेस संविधान और देश की आत्मा को ताक पर रखने से पीछे नहीं हटते।
लोकतंत्र को एक झटके में तानाशाही में बदल दिया
राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि जिस संविधान की शपथ लेकर इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनी थीं, उसी संविधान की आत्मा को कुचलते हुए उन्होंने लोकतंत्र को एक झटके में तानाशाही में बदल दिया और चुनाव में दोषी ठहराए जाने के बाद नैतिकता से इस्तीफा देने के बजाय पूरी व्यवस्था को ही कठपुतली बनाकर रखने का षड्यंत्र रच दिया। उन्होंने कहा कि आज भी कांग्रेस शासित राज्यों में कानून व्यवस्था का हाल यह है कि वहां विरोध का दमन, धार्मिक तुष्टीकरण और सत्ता का अहंकार खुलेआम दिखता है। यह सब आपातकालीन सोच की ही उपज है।
कांग्रेस शासन में लोकतंत्र का पतन
राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि कांग्रेस शासन में लोकतंत्र का ऐसा पतन हुआ कि जेलों में बंद लोगों को अपने परिजनों की अंतिम क्रिया में शामिल होने तक की अनुमति नहीं दी गई। उन लोगों में वर्तमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तक शामिल थे। राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि राजनाथ सिंह ने खुद खुलासा किया है कि उन्हें उनकी माताजी की अंत्येष्टि में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई।
प्रेस की स्वतंत्रता पर ऐसा हमला हुआ
भाजपा प्रदेश सचिव गार्गी कक्कड़ ने कहा कि आपातकाल लगाकर कांग्रेस सरकार ने कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका सहित लोकतंत्र के तीनों स्तंभों को बंधक बनाकर सत्ता के आगे घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। प्रेस की स्वतंत्रता पर ऐसा हमला हुआ कि बड़े-बड़े अखबारों की बिजली काट दी गई, सेंसरशिप लगाई गई और पत्रकारों को जेल में डाल दिया गया। भाजपा जिला अध्यक्ष सर्वप्रिय त्यागी ने कहा कि 1975 में आपातकाल लगाकर कांग्रेस ने लोकतंत्र की हत्या की थी।