Advertisment

Haryana Government: CM Nayab singh का किसानों को बड़ा तोहफा, दी ये बड़ी राहत

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किसानों को बड़ी राहत प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने किसानों को राहत प्रदान करते हुए रबी फसलों के लिए औसत उत्पादन सीमा को बढ़ा दिया है। इससे किसान अब एमएसपी पर अधिक फसल बेच सकेंगे।

author-image
Vibhoo Mishra
किसान
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

वाईबीएन नेटवर्क। 

Advertisment

हरियाणा सरकार ने प्रदेश के किसानों को बड़ी राहत दी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने किसानों को राहत प्रदान करते हुए रबी फसलों के लिए औसत उत्पादन सीमा को बढ़ा दिया है। इससे किसान अब एमएसपी पर अधिक फसल बेच सकेंगे। सीएम ने कहा कि इस फैसले के बाद अब किसानों को प्रति एकड़ ज्यादा पैदावार होने से फसल बेचने में परेशानी नहीं आएगी।

कब से होगी लागू?

हरियाणा सरकार ने कहा है कि उन्होंने 2024-25 के लिए रबी फसलों के लिए प्रति एकड़ औसत उत्पादन की सीमा बढ़ा दी है, जिससे किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अधिक फसल बेच सकेंगे। यह राहत संशोधित सीमा 2025-26 के रबी खरीद सीजन में लागू हो जाएगी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस कदम से सीधे तौर पर उन किसानों को फायदा होगा, जो पहले से तय सीमा से अधिक पैदावार के कारण न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर अपनी फसल नहीं बेच पा रहे थे। सरकार द्वारा गठित समिति ने रबी फसलों के लिए उत्पादन सीमा में बदलाव की सिफारिश की थी, इसके बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बढ़ी हुई सीमा को मंजूरी दे दी है। सीएम का यह फैसला 5 फसलों पर लागू होगा, जिसका फायदा किसानों को होगा।
यह भी पढ़ें: Expressway: हरियाणा के ये नेशनल हाईवे बदल देंगे इन लोगों की किस्मत, जमीनों के रेट होंगे हाई

Advertisment

किन फसलों पर मिलेगा फायदा

सरकार ने जौ के लिए औसत उत्पादन सीमा यानी एवरेज प्रोडक्शन कैप्स 15 क्विंटल से बढ़ाकर 16 क्विंटल प्रति एकड़ कर दी गई है, सूरजमुखी के लिए 8 क्विंटल से बढ़ाकर 9 क्विंटल प्रति एकड़ और चने के लिए इसे 5 क्विंटल से बढ़ाकर 6 क्विंटल प्रति एकड़ कर दिया है।
यह भी पढ़ें: Decision: हरियाणा हाउसिंग बोर्ड होगा खत्म, नायब सरकार ने लिया ये निर्णय

गेहूं में नहीं किया बदलाव 

Advertisment

इसके अलावा समिति ने मसूर के लिए भी औसत उत्पादन अनुमान 4 क्विंटल प्रति एकड़ तय किया है और ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल के लिए यह सीमा 3 क्विंटल से बढ़ाकर 4 क्विंटल प्रति एकड़ कर दी गई है। बता दें कि इससे पहले दाल के लिए कोई सीमा तय नहीं की गई थी। वहीं, गेहूं की उत्पादन सीमा 25 क्विंटल प्रति एकड़ ही रहेगी, इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। बयान में कहा गया, ये बदलाव औसत पैदावार में बढ़ोतरी के जवाब में किए गए, और इस फैसले से किसानों को अधिक लाभ होगा और उन्हें अधिक आर्थिक लाभ भी मिलेगा।

Advertisment
Advertisment