फरीदाबाद में आज सूरजकुंड मेला शुरू हो गया। मेला 23 फरवरी तक चलेगा। केंद्रीय पर्यटन और सांस्कृतिक मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मेले का उदघाटन किया। इस मौके पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी मौजूद रहे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेला भारतीय संस्कृति को समर्पित है। भारत को एकता के सूत्र में बांधने वाला यह आयोजन पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना चुका है। बता दें कि फरीदाबाद के सूरजकुंड में हर साल फरवरी में मेले का आयोजन किया जाता है, इस बार 38वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला आयोजित किया जा रहा है।
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वसुधैव कुटंबकम की भावना को प्रदर्शित करता है मेला
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने उदघाटन अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि सूरजकुंड मेला हस्तशिल्प का महाकुंभ है। यह मेला वसुंधैव कुटंबकम की भावना को प्रदर्शित करता है। इस बार मेले में उड़ीसी और मध्य प्रदेश को थीम स्टेट बनाया गया है। सीएम हरियाणा ने कहा कि आज इस शिल्प मेले और संस्कृति के इस विशाल मंच पर मुझे बहुत खुशी और गर्व की अनुभूति हो रही है। आज सूरजकुंड का यह अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला केवल हरियाणा ही नहीं बल्कि पूरे देश की पहचान बन चुका है।"
42 देशों के 648 हस्तशिल्प कलाकार पहुंचे हैं
मेले के अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस बार हस्तशिल्प के इस महाकुंभ में 42 देशों की 648 हस्तशिल्प कलाकार भाग ले रहे हैं। विम्सटेक संगठन से जुड़े देश भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, भूटान, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड इस मेले में कंट्री पार्टनर हैं। सूरजकुंड मेला दुनिया का सबसे बड़ा शिल्प मेला है और भारत की समृद्ध कलाओं को अपने में संजोए हुए है।
मेले के टिकट और टाईमिंग भी जानिए
मेले का आयोजन 23 फरवरी तक सुबह 10 बजे से शाम सात बजे तक किया जाएगा। आम दिनों में मेले में प्रवेश करने के लिए आपको 120 रुपये का टिकट लेना होगा जबकि छुट्टी के दिनों के लिए टिकट की कीमत 180 रुपये रखी गई है। टिकट ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से लिए जा सकते हैं। ऑनलाइन टिकट खरीदने के लिए आप दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन के “सारथी” एप का प्रयोग कर सकते हैं, इसके अलावा आप दिल्ली मेट्रो के किसी भी स्टेशन से टिकट खरीद सकते हैं। मेले के एंट्री गेट पर बनाए गए टिकट काउंटर से भी टिकट खरीदे जा सकते हैं। वीकेंड पर छात्रों और वरिष्ठ नागरिकों को आधे दामों पर टिकट मिलेंगे।
मेले की खासियत के बारे में जानिए
मेले के दौरान दौरान देश के विभिन्न राज्यों और विदेश से आने वाले कलाकार अपनी लोककला का प्रदर्शन करते हैं। यह मेला अपनी कला और संस्कृति के लिए एक अच्छा मंच है। खान-पान, पहनावा, आभूषण, लोक कला, नृत्य और संगीत आदि के जरिए यहां संस्कृति का बड़ा समागम होता है। मेले से आप हस्तशिल्प के सामान खरीद भी सकते हैं, इसके लिए तमाम राज्यों के व्यंजनों का लुत्फ भी उठा सकते हैं। सूरज कुंड मेले का आयोजन 1987 से हर साल फरवरी माह में किया जाता है।
मेले में सुनाई देगा थीम सॉन्ग
इस बार सूरजकुंड मेले में थीम सॉन्ग भी सुनने को मिलेगा। मेले के आयोजक हरियाणा पर्यटन विभाग द्वारा 'ये सूरजकुंड का मेला है' थीम सॉन्ग तैयार कराया गया है। हरियाणा पर्यटन विभाग के मुताबिक इस बार मेले में 1300 हस्तशिल्पी हिस्सा ले रहे हैं। इनमें विदेशी हस्तशिल्पी भी शामिल हैं। सुरक्षा के लिहाज से पूरे मेला क्षेत्र सीसीटीवी कैमरों से कवर किया गया है।