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ArogyavardhiniVati Photograph: (ians)
नई दिल्ली। आरोग्यवर्धिनी वटी एक आयुर्वेदिक औषधि है, जो शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए वरदान मानी जाती है। इसमें कतुकी, त्रिफला, गिलोय, शुद्ध पारद, ताम्र भस्म और लौह भस्म जैसी कई जड़ी-बूटियों का समावेश होता है। यह दवा शरीर के दोषों को संतुलित कर पाचन तंत्र, यकृत (लिवर) और त्वचा की बीमारियों में लाभ देती है। नियमित सेवन से रक्त शुद्ध होता है, ऊर्जा बढ़ती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार आता है। चिकित्सक की सलाह से इसका सेवन करने पर यह सम्पूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक सिद्ध होती है।
कई जड़ी-बूटियों के गुण समाहित
मालूम हो कि कई ऐसी जड़ी-बूटियां हैं, जो शरीर के कई रोगों को एक साथ ठीक करने की क्षमता रखती हैं। आमतौर पर एक दवा लेकर एक ही रोग का इलाज किया जा सकता है, लेकिन आयुर्वेद में ऐसा नहीं है। आयुर्वेद के पास ऐसी कई वटी हैं, जो शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य का ध्यान रख सकती हैं। ऐसी ही एक वटी है आरोग्यवर्धिनी वटी।
"वटी" शब्द से तात्पर्य है "गोली।" आरोग्यवर्धिनी की गोलियां एक नहीं, बल्कि अनेक रोगों का नाश करती हैं, क्योंकि इस वटी में कई जड़ी-बूटियों के गुण समाहित हैं।
कई बीमारियों से निजात
जानकारी हो कि आरोग्यवर्धिनी वटी कई बीमारियों से निजात दिलाने में सहायक होती है। अगर लिवर कमजोर हो गया है और सही तरीके से काम नहीं कर रहा है, तो इसके लिए आरोग्यवर्धिनी वटी सहायक है। ये लिवर को शुद्ध करने का काम करती हैं और शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालती हैं। ये पित्त को भी नियंत्रित करती है, जिससे फैटी लिवर की समस्या कम होती है। आरोग्यवर्धिनी वटी वजन को कम करने और पाचन प्रक्रिया को सुधारने में भी मदद करती है। ये वटी वसा को तोड़कर विषैले पदार्थों के साथ शरीर से निकालती है और शरीर में खराब वसा को जमने नहीं देती है। इससे पाचन की शक्ति में भी सुधार होता है और खाने में मौजूद पौषक तत्व शरीर तक अच्छे से पहुंच जाते हैं।
विषैले पदार्थों को शरीर से निकालने
आरोग्यवर्धिनी वटी का इस्तेमाल सालों से विषैले पदार्थों को शरीर से निकालने, पाचन में सुधार और यकृत की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। आरोग्यवर्धिनी वटी में कई जड़ी-बूटियों के गुण शामिल हैं। इसमें त्रिफला (आमलकी, बिभीतकी, हरीतकी), शिलाजीत, शुद्ध गुग्गुलु, और चित्रक शामिल हैं। ये सभी जड़ी-बूटियां मिलकर एक आरोग्यवर्धिनी वटी बनाती हैं। इसके अलावा, आरोग्यवर्धिनी वटी स्किन से जुड़े रोगों में भी फायदा देती है। वटी में मौजूद त्रिफला और शुद्ध गुग्गुलु मिलकर रक्त को शुद्ध करते हैं, जिससे स्किन और बाल दोनों ही चमकदार बने रहते हैं।
आरोग्यवर्धिनी वटी का सेवन
जानकारी हो कि ये खास वटी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और बुरे कोलेस्ट्रॉल को कम करती है, जिससे दिल संबंधी रोगों की संभावना भी कम होती है।आरोग्यवर्धिनी वटी मूत्र मार्ग में होने वाली सूजन को भी कम करता है। महिलाओं में मूत्र संक्रमण की समस्या सबसे ज्यादा देखी जाती है। ऐसे में आरोग्यवर्धिनी वटी का सेवन संक्रमण से बचाता है, लेकिन ध्यान रखें गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं आरोग्यवर्धिनी वटी का सेवन चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही करें।
(इनपुट-आईएएनएस)
Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"
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