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डेस्क, वाईबीएन नेटवर्क
क्या आपने कभी सोचा कि सोशल मीडिया शराब-सिगरेट से ज्यादा हानिकारक है। नहीं सोचा है तो सोचिए, क्योंकि सोशल मीडिया का आपकी और आपके बच्चों के सेहत को धीरे -धीरे खोखला बना देगा। सोशल मीडिया को दुष्प्रभाव का सीधा असर बच्चों के याददाश्त पर पड़ रहा है। बता दें आस्ट्रेलिया में 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर बैन लगा हुआ है। दूसरे कई देशों में भी सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर कड़े कानून लाने की तैयारी चल रही है।
सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल लोगों की ब्रेन वायरिंग खराब कर रहा है। इसका सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों और किशोरों के ब्रेन डेवलपमेंट पर पड़ रहा है। डॉक्टरों के एक पैनल के मुताबिक, बच्चे हर छोटी खुशी के लिए सोशल मीडिया पर निर्भर हो रहे हैं। इससे डिप्रेशन और एंग्जाइटी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। स्मार्टफोन पर लोग हर दिन लगभग 7.3 घंटे समय बिता रहे हैं। जिसमें से सबसे ज्यादा समय वो सोशल मीडिया पर बिताते हैं। इसमें बच्चों और किशोरों की संख्या बहुत ज्यादा है। इसलिए नुकसान भी उन्हें ही सबसे ज्यादा है। सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल लोगों की इमोशनल हेल्थ खराब पर ज्यादा असर डालता है। सोशल मीडिया पर ज्यादा एक्टिव रहने के काऱम लोगों की नींद पूरी नहीं हो रही है। इससे उनकी मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है। याददाश्त कमजोर हो जाती है।
अटेंशन स्पैन यानी आप बिना भटके किसी काम में लगातार कितनी देर तक अपना ध्यान लगाए रख सकते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, इरविन की एक स्टडी के मुताबिक इंसानों का औसत अटेंशन स्पैन बीते 20 सालों में 2.5 मिनट से घटकर 47 सेकेंड पर पहुंच गया है। इसके पीछे सोशल मीडिया की लत बड़ी वजह है। अंटेशन स्पैन घटने पर क्या लक्षण दिखते हैं।