/young-bharat-news/media/media_files/2025/10/16/beetroo-benefits-2025-10-16-18-24-10.jpg)
चुकंदर सिर्फ एक साधारणसी दिखने वाली लाल रंग की सब्जी नहीं, बल्कि पोषण और औषधीय गुणों का खजाना है। आयुर्वेद में इसे 'रक्तवर्धक औषधि' कहा गया है क्योंकि यह खून की कमी (एनीमिया) को दूर करने में बेहद असरदार है। इसका स्वाद हल्का मीठा और तासीर ठंडी होती है, जिससे यह पित्त दोष को संतुलित करता है और रक्त शुद्ध करता है। चुकंदर आयरन, फोलेट, पोटैशियम, मैग्नीशियम, विटामिन सी और फाइबर का प्रचुर स्रोत है, जो शरीर को संपूर्ण पोषण प्रदान करता है। इसमें मौजूद बीटालाइन एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है।
हीमोग्लोबिन बढ़ाता है चुकंदर
चुकंदर के नियमित सेवन से न केवल हीमोग्लोबिन बढ़ता है, बल्कि यह रक्तचाप को नियंत्रित करता है और दिल को स्वस्थ बनाए रखता है। इसमें मौजूद नाइट्रेट्स शरीर में जाकर नाइट्रिक ऑक्साइड बनाते हैं, जिससे रक्तवाहिकाएं चौड़ी होती हैं और ब्लड प्रेशर कम होता है।
लिवर को साफ रखता है चुकंदर
यह लिवर की सफाई करता है, हृदय की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और त्वचा को जवान बनाए रखने में मदद करता है। कम कैलोरी और उच्च फाइबर के कारण यह वजन घटाने में भी सहायक है। इसके अलावा चुकंदर मासिक धर्म में हार्मोनल संतुलन बनाए रखता है और दर्द व थकान से राहत देता है।
चुकंदर से बनाएं रक्तवर्द्धक टॉनिक
आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खों में इसका उपयोग कई तरीकों से किया जा सकता है, जैसे चुकंदर, गाजर और आंवला का रस मिलाकर एक उत्तम रक्तवर्धक टॉनिक बनता है। चुकंदर, नींबू और पुदीना का शरबत लिवर को शुद्ध करता है, वहीं चुकंदर और शहद का सेवन थकान को तुरंत दूर करता है। त्वचा पर चुकंदर का रस लगाने से दाग-धब्बे और झुर्रियां कम होती हैं, जबकि बालों में लगाने से डैंड्रफ और हेयर फॉल की समस्या घटती है।
खास बात यह है कि प्राचीन रोम में इसे लव रूट कहा जाता था और नासा इसे स्पेस फूड मानता है। हालांकि, एक दिन में 100-150 ग्राम से अधिक इसका सेवन ना करें, क्योंकि अधिक मात्रा में सेवन से गैस या पेट फूलने की समस्या हो सकती है।आईएएनएस healthy lifestyle | healthy lifestyle india | healthy lifestyle tips