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नीम के पेड़ (Neem Tree)से शायद ही कोई अपरिचित हो। नीम को उसके कड़वेपन के कारण जाना जाता है। सभी लोगों को पता होगा कि कड़वा होने के बाद भी नीम स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक लाभदायक होता है, लेकिन नीम के फायदे क्या-क्या हैं या नीम का उपय़ोग किन-किन रोगों में कर सकते हैं, इस बात की पूरी जानकारी आपको नहीं होगी। नीम के गुणों के कारण इसे धरती का कल्प वृक्ष भी कहा जाता है। आमतौर पर लोग नीम का प्रयोग घाव, चर्म रोग में फायदा लेने के लिए करते हैं लेकिन सच यह है नीम के फायदे (Neem Ke Fayde) अन्य कई रोगों में भी मिलते हैं।
चर्म रोगों पर भी नीम बहुत लाभदायक
नीम के पत्ते का काढ़ा घावों को धोने में कार्बोलिक साबुन से भी अधिक उपयोगी है। कुष्ठ आदि चर्म रोगों पर भी नीम बहुत लाभदायक है। इसके रेशे-रेशे में खून को साफ करने के गुण भरे पड़े हैं। नीम का तेल (Neem ka Tel) टीबी या क्षय रोग को जन्म देने वाले जीवाणु की तीन जातियों का नाश करने वाले गुणों से युक्त पाया गया है। नीम की पत्तियों का गाढ़ा लेप कैंसर की बढ़ाने वाली कोशिकाओं की बढ़ने की क्षमता को कम करता है।
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नीम के फायदे और उपयोग
नीम को निम्ब भी कहा जाता है। कई ग्रन्थों में वसन्त-ऋतु (विशेषतः चैत्र मास मतलब 15 मार्च से 15 मई) में नीम के कोमल पत्तों (Neem Ke Patte Ke Fayde In Hindi) के सेवन की विशेष प्रंशसा की गई है। इससे खून साफ होता है तथा पूरे साल बुखार, चेचक आदि भयंकर रोग नहीं होते हैं। नीम के पत्ते, छाल, बीज, तेल और जड़ें सभी औषधीय गुणों से युक्त हैं। यह न केवल मानव स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और कृषि में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
नीम के स्वास्थ्य लाभ
- त्वचा की देखभाल : नीम में जीवाणुरोधी, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो त्वचा के लिए अत्यंत लाभकारी हैं। नीम के पत्तों का पेस्ट या तेल मुँहासे, एक्जिमा, और दाद जैसे त्वचा रोगों के उपचार में प्रभावी है। यह त्वचा को नमी प्रदान करता है और रूखेपन को कम करता है। नीम का तेल कीटाणुओं को दूर रखता है और त्वचा को स्वच्छ रखने में मदद करता है।
- प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करना: नीम में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं। नीम के पत्तों का काढ़ा पीने से शरीर विषाक्त पदार्थों से मुक्त होता है, जिससे रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। यह सर्दी, खांसी और बुखार जैसे मौसमी रोगों से बचाव में सहायक है।
- पाचन तंत्र के लिए लाभकारी: नीम का उपयोग पाचन संबंधी समस्याओं जैसे कब्ज, अपच और गैस को दूर करने में किया जाता है। नीम के पत्तों का रस या चूर्ण पेट के कीड़ों को खत्म करता है और आंतों को स्वस्थ रखता है। यह लीवर के कार्य को भी बेहतर बनाता है।
- मधुमेह नियंत्रण: नीम रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक है। इसके पत्तों में मौजूद यौगिक इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाते हैं, जिससे मधुमेह रोगियों को लाभ होता है। नीम का नियमित सेवन मधुमेह के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।
दंत स्वास्थ्य: नीम की दातुन का उपयोग दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ रखने के लिए प्राचीन काल से किया जाता रहा है। नीम में मौजूद जीवाणुरोधी गुण मसूड़ों की सूजन, कैविटी और सांस की दुर्गंध को कम करते हैं। नीम का तेल टूथपेस्ट और माउथवॉश में भी उपयोग होता है।
नीम के अन्य उपयोग
कृषि में उपयोग: नीम का तेल प्राकृतिक कीटनाशक के रूप में उपयोग किया जाता है। यह फसलों को कीटों और रोगों से बचाता है, साथ ही मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाता है। नीम की खली (बीज का अवशेष) जैविक खाद के रूप में मिट्टी में मिलाई जाती है।
पर्यावरण संरक्षण: नीम का पेड़ वायु शुद्धिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करता है और ऑक्सीजन प्रदान करता है। नीम की छाया गर्मी से राहत देती है और मिट्टी के कटाव को रोकती है।
कॉस्मेटिक उत्पादों में उपयोग: नीम का तेल और पत्तों का अर्क साबुन, शैंपू, क्रीम और लोशन में उपयोग होता है। ये उत्पाद त्वचा और बालों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
उपयोग की सावधानियां
हालांकि नीम के अनेक लाभ हैं, लेकिन इसका अत्यधिक उपयोग या अनुचित मात्रा में सेवन हानिकारक हो सकता है। गर्भवती महिलाओं, बच्चों और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित व्यक्तियों को नीम का उपयोग करने से पहले चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। नीम का तेल सीधे त्वचा पर लगाने से पहले पैच टेस्ट करना उचित है।
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