/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/22/kali-ilaichi-2025-07-22-17-22-47.jpg)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।हमारी रसोई में ऐसे मसाले छिपे होते हैं, जिनको अक्सर पर हम कमतर आंकते हैं। इन्हीं में से एक है काली इलायची। यह अपने स्वाद और खुशबू से व्यंजनों को एक अलग ही पहचान देती है। साथ ही यह सेहत के लिए भी फायदेमंद है। काली इलायची को नेपाली इलायची भी कहते हैं। यह मसाला नेपाल और भारत के हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है और इसका उपयोग आमतौर पर नमकीन व्यंजनों में किया जाता है। यह जिंजिबरेसी फैमिली से संबंधित है। इसकी फलियां बड़ी, खुरदरी और गहरे भूरे या काले रंग की होती हैं, जिनके अंदर छोटे, चिपचिपे काले बीज होते हैं।
औषधि का दूसरा नाम काली इलाइची
चरक संहिता में, काली इलायची का उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार के लिए किया गया है, जिसमें दर्द, दुर्गंध, त्वचा रोग, मतली और पाचन संबंधी समस्याएं शामिल हैं। इसे 'अंगमर्द प्रशमन महाकषाय' के अंतर्गत भी सूचीबद्ध किया गया है, जो शरीर के दर्द से राहत दिलाने में उपयोगी है। आयुर्वेद में काली इलायची को 'दीपन' और 'पाचन' गुणों से युक्त माना गया है। इससे पाचन क्रिया से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं। गर्मियों में काली इलायची का पानी पीने से गैस, कब्ज, पेट में दर्द की परेशानी भी कम होती है। इसी के साथ ही यह इम्यूनिटी मजबूत करने में भी मदद करता है। आयुर्वेदाचार्य के अनुसार, काली इलायची में 'ओज वर्धक' गुण होते हैं, जो मौसमी संक्रमण और बीमारियों के खतरे को कम करते हैं।
शरीर से विषाक्त पदार्थाें को निकालती है बाहर
गर्मियों में काली इलायची का पानी पीने से शरीर से पर्याप्त मात्रा में विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है। ये किडनी को स्वस्थ रखता है, जिससे त्वचा और बालों से जुड़ी समस्याएं कम होती है। शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकलने से विभिन्न प्रकार की बीमारियां भी दूर रहती हैं। इसमें एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं, जो मुंह के बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करता है, साथ ही सांस की दुर्गंध और मसूड़ों की समस्याएं भी दूर करता है। इसकी तीखी सुगंध और औषधीय गुण सर्दी, खांसी और गले की खराश में राहत दे सकते हैं।