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Cholai Benefits चोलाई को क्यों कहा जाता है ‘व्रत का सुपरफूड’? आयुर्वेद से जानें चमत्कारी फायदे

चोलाई प्राचीन काल से भारत और दुनिया के कई हिस्सों में इस्तेमाल होता रहा है और आयुर्वेद में इसे श्रेष्ठ बल्य आहार माना गया है। इसका स्वाद हल्का-सा कुरकुरा और पौष्टिक होता है। 

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Mukesh Pandit
Cholai

भारत में व्रत या उपवास सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह शरीर और मन को शुद्ध रखने का एक प्रभावी तरीका भी माना जाता है। ऐसे दिनों में कुछ विशेष खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाता है, जिनमें चोलाई (अमरंथस) का नाम प्रमुख है। इसे हिंदी में चोलाई, रामदाना या राजगिरा भी कहा जाता है। यह अनाज नहीं बल्कि बीज है और इसलिए व्रत के दौरान इसे खाने की अनुमति होती है।  

 प्राचीन काल से ही दुनिया के कई हिस्सों में इस्तेमाल 

चोलाई प्राचीन काल से भारत और दुनिया के कई हिस्सों में इस्तेमाल होता रहा है और आयुर्वेद में इसे श्रेष्ठ बल्य आहार माना गया है। इसका स्वाद हल्का-सा कुरकुरा और पौष्टिक होता है। व्रत के दौरान इसे लड्डू, खिचड़ी, हलवा, पराठा और नमकीन बनाने में प्रयोग किया जाता है।

ग्लूटेन-फ्री है चोलाई

चोलाई खास इसलिए भी है क्योंकि यह ग्लूटेन-फ्री है, जिससे यह उपवास और ग्लूटेन एलर्जी वाले लोगों के लिए उपयुक्त है। इसमें प्रोटीन, विशेषकर लाइसिन (एक आवश्यक अमीनो एसिड) की मात्रा अधिक होती है, जो सामान्य अनाजों में कम मिलता है। इसमें दूध से भी अधिक कैल्शियम पाया जाता है, जिससे हड्डियाँ और दांत मजबूत रहते हैं।

आयरन और फाइबर की पर्याप्त मात्रा 

इसके अलावा, इसमें आयरन और फाइबर की पर्याप्त मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हुए शरीर में ऊर्जा का संचार करता है। माइक्रोन्यूट्रिएंट्स जैसे फॉस्फोरस और मैंगनीज भी चोलाई में भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट तत्व स्क्वालीन (स्क्वैलेन) शरीर को फ्री-रेडिकल्स से बचाता है और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है।

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व्रत के दौरान चौलाई सेवन से थकान और कमजोरी कम होती है

चोलाई के सेवन से व्रत के दौरान थकान और कमजोरी कम होती है, पाचन सुधरता है, कब्ज और एसिडिटी जैसी समस्याएं कम होती हैं, ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है और शुगर नियंत्रण में भी सहायक होता है। इसके अलावा, इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा की झुर्रियों को कम करते हैं और बालों को मजबूत बनाते हैं। आयरन और फोलिक एसिड की उपस्थिति से यह खून की कमी यानी एनीमिया में भी लाभकारी है।

 बनाएं चोलाई के कई व्यंजन 

व्रत में चोलाई के कई व्यंजन बनाए जा सकते हैं। गुड़ और घी के साथ चोलाई लड्डू ऊर्जा और स्वाद दोनों प्रदान करते हैं। आलू और मूंगफली के साथ बनाई खिचड़ी हल्की और पौष्टिक होती है। चोलाई पराठा, हलवा और नमकीन/चिवड़ा भी व्रत में सेवन के लिए बेहतरीन विकल्प हैं।

आयुर्वेद के अनुसार, चोलाई त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) को संतुलित करता है, शरीर की पाचन शक्ति बढ़ाता है और ऊतकों को ताकत प्रदान करता है। यह बल्य आहार के रूप में शरीर में शक्ति और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए, चोलाई न केवल व्रत का अनिवार्य हिस्सा है, बल्कि यह स्वास्थ्य और शक्ति का असली खजाना भी है।आईएएनएस  Cholai benefits | Healthy Dish | get healthy | healthyfood | healthy heart tips 

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