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गर्मी में दही और छाछ जैसे पेय पदार्थों की मांग बढ़ जाती है। दोनों ही गर्मी में ठंडक पहुंचाते हैं और पाचन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। इसके ठीक बाद मानसून का आगाज होता है। मूसलाधार बारिश होती है और ऐसे में अक्सर सवाल उठता है कि अब बेहतर क्या है छाछ या दही! आयुर्वेद हो या विज्ञान, दही को दोनों ने ही स्वास्थ्य के मामले में बेहद लाभकारी माना है। यह प्राचीन काल से सेहत के रूप में जानी जाती है। मानसूनी बारिश में हम अक्सर पेट संबंधी दिक्कतों से जूझते हैं। ऐसे में दही से ज्यादा बेहतर छाछ होती है। मौसम कभी ठंडा तो कभी गर्म होता है, ऐसे में ठंडी तासीर वाली दही नुकसान पहुंचा सकती है। ये कफ भी बढ़ाती है। ऐसे में छाछ का चुनाव सही है।
दही में लैक्टोबैसिलस जैसे प्रोबायोटिक्स होते हैं
अमेरिकन नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, दही दूध को प्राकृतिक बैक्टीरिया की मदद से फर्मेंट करके बनाया जाता है, जिसमें लैक्टोबैसिलस जैसे प्रोबायोटिक्स होते हैं। ये प्रोबायोटिक्स हमारे पाचन तंत्र के लिए अत्यंत लाभकारी होते हैं क्योंकि ये हमारे आंतों में अच्छे बैक्टीरिया की संख्या बढ़ाते हैं और हानिकारक बैक्टीरिया को कम करते हैं। इसके चलते, हमारा पाचन बेहतर होता है और कब्ज जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।
हड्डियों की मजबूती और मांसपेशियों के विकास में सहायक
दही में प्रोटीन, कैल्शियम, और विटामिन बी12 जैसे जरूरी पोषक तत्व भी होते हैं, जो हड्डियों की मजबूती और मांसपेशियों के विकास में सहायक होते हैं।एक रिसर्च में पाया गया है कि नियमित दही खाने से आंतों की सूजन कम होती है और इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है। हालांकि, बाजार में मिलने वाला मीठा दही अक्सर ज्यादा चीनी के कारण स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है, इसलिए इसे सावधानी से ही लेना चाहिए। इसके अलावा, कुछ लोगों को रात में दही खाने से बलगम की समस्या हो सकती है, इसलिए इसे अपने स्वास्थ्य के अनुसार लेना चाहिए।
छाछ भी पाचन के लिए एक अच्छा विकल्प
वहीं छाछ भी पाचन के लिए एक अच्छा विकल्प है। छाछ दही को पानी मिलाकर और मथकर बनाई जाती है, इसलिए इसमें दही की तुलना में फैट और कैलोरी कम होती है। यह हल्का होता है और आसानी से पच जाता है। छाछ में लैक्टिक एसिड होता है, जो पाचन को तेज करता है और पेट की जलन को कम करता है।इसके अलावा, छाछ में इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं, जो शरीर में पानी और मिनरल्स के संतुलन को बनाए रखते हैं, जिससे शरीर हाइड्रेटेड रहता है।
छाछ मानसून में शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में सहायक
एक स्टडी के अनुसार, छाछ मानसून में शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में सहायक होता है और इससे थकान भी कम होती है। इसका स्वाद और ठंडक पेट को तुरंत ताजगी देती है। इसलिए जब खाना ज्यादा लगे या पाचन में कठिनाई हो, तो छाछ पीना सबसे अच्छा रहता है।पाचन के मामले में अगर बात की जाए तो दही और छाछ दोनों ही अपने-अपने तरीके से फायदेमंद हैं।IANS
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