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Curd Benefits गर्मी के मौसम में दही एक प्राकृतिक, पौष्टिक और बहुमुखी खाद्य पदार्थ है, जो स्वास्थ्य को कई तरह से लाभ पहुंचाता है। यह शरीर को ठंडक, हाइड्रेशन, और पोषण देता है, साथ ही पाचन और प्रतिरक्षा को मजबूत करता है। दही को लस्सी, रायता, या स्मूदी जैसे रूपों में सुबह या दोपहर में खाने से इसके लाभ अधिक मिलते हैं। सही मात्रा और ताजा दही का उपयोग करके गर्मी में स्वस्थ और तरोताजा रहा जा सकता है। दही, भारतीय भोजन का अभिन्न हिस्सा, गर्मी के मौसम में स्वास्थ्य के लिए विशेष रूप से लाभकारी है। यह पौष्टिक, स्वादिष्ट और ठंडा होता है, जो शरीर को तरोताजा रखता है। EFS आइए जानें गर्मी में दही खाने के दस प्रमुख लाभ:-brain health tips | Bihar health crisis | baby oral health | anjali health tips | Alcohol Health Risks | HEALTH
दही शरीर को ठंडक प्रदान करता है
- लू से बचाव: दही की तासीर ठंडी होती है, जो गर्मी में शरीर के तापमान को नियंत्रित करती है और लू से बचाव करती है।
- पाचन में सुधार: दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स पाचन तंत्र को मजबूत करते हैं, कब्ज, अपच और गैस जैसी समस्याओं को दूर करते हैं।
- प्रतिरक्षा बढ़ाता है: प्रोबायोटिक्स और विटामिन्स (जैसे विटामिन B12) रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं, जो गर्मी में वायरल इंफेक्शन से बचाव में मदद करते है
- हाइड्रेशन बनाए रखता है: दही में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की अच्छी मात्रा होती है, जो डिहाइड्रेशन से बचाती है। छाछ या लस्सी इसका बेहतरीन रूप है
- त्वचा के लिए लाभकारी: दही में लैक्टिक एसिड और जिंक होता है, जो त्वचा को नमी देता है और सनबर्न, मुंहासों को कम करता है। इसे खाने और फेस मास्क के रूप में उपयोग करने से लाभ मिलता है।
- वजन नियंत्रण में सहायक: कम वसा वाला दही प्रोटीन से भरपूर होता है, जो भूख को नियंत्रित करता है और गर्मी में वजन प्रबंधन में मदद करता है।
- हड्डियों को मजबूत बनाता है: दही में कैल्शियम और विटामिन D प्रचुर मात्रा में होता है, जो हड्डियों और दांतों को मजबूती देता है।
- मानसिक स्वास्थ्य में सुधार: प्रोबायोटिक्स आंत-मस्तिष्क संबंध को बेहतर करते हैं, जिससे तनाव और चिंता कम होती है, जो गर्मी में आम है
- रक्तचाप नियंत्रित करता है: दही में पोटैशियम होता है, जो रक्तचाप को संतुलित रखता है और गर्मी में हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है
- पोषक तत्वों का भंडार: दही में प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, और विटामिन्स होते हैं, जो ऊर्जा प्रदान करते हैं और गर्मी की थकान को कम करते हैं।
कैसे खाएं दही ?
सादा दही: ताजा दही को भोजन के साथ या नाश्ते में खाएं। इसमें थोड़ा नमक या शहद मिलाकर स्वाद बढ़ाया जा सकता है।
लस्सी: दही को पानी, चीनी या नमक, और इलायची के साथ ब्लेंड कर ठंडी लस्सी बनाएं। यह हाइड्रेशन के लिए उत्तम है।
छाछ: दही में पानी, जीरा पाउडर, पुदीना, और काला नमक मिलाकर छाछ तैयार करें। यह पाचन और ठंडक के लिए आदर्श है
रायता: खीरा, प्याज, या बूंदी रायता भोजन के साथ परोसें। यह स्वाद और पोषण दोनों बढ़ाता है।
स्मूदी: दही को फलों (जैसे आम, केला) और शहद के साथ मिलाकर स्मूदी बनाएं। यह नाश्ते या हल्के भोजन के लिए बेहतरीन है।
सलाद ड्रेसिंग: दही में नींबू, लहसुन, और हर्ब्स मिलाकर सलाद ड्रेसिंग बनाएं, जो गर्मी में हल्का और पौष्टिक है।
पारंपरिक व्यंजन: दही को दही-चावल, दही-पराठा, या कढ़ी जैसे व्यंजनों में शामिल करें।
(ध्यान दें: गर्मी में ताजा और घर का बना दही खाएं। बाजार का दही खट्टा या पुराना हो सकता है, जो पाचन को नुकसान पहुंचा सकता है।)
दही कब खाएं?
दही खाने का समय स्वास्थ्य लाभ को अधिकतम करने के लिए महत्वपूर्ण है:
सुबह नाश्ते में: दही को सुबह खाने से पाचन तंत्र सक्रिय होता है और दिनभर ऊर्जा मिलती है। इसे फल या ओट्स के साथ खाएं
दोपहर के भोजन के साथ: दही को दोपहर में रायता, छाछ, या सादे रूप में खाएं। यह भोजन को हल्का और पचाने में आसान बनाता है
शाम को हल्का नाश्ता: गर्मी में शाम को लस्सी या स्मूदी पीना ताजगी देता है और भूख को नियंत्रित करता है।
रात में सावधानी से: आयुर्वेद के अनुसार, रात में दही खाने से बचें, क्योंकि यह कफ बढ़ा सकता है। यदि खाना हो, तो हल्की मात्रा में और मसाले (जैसे जीरा) के साथ लें।
मात्रा: रोजाना 150-200 ग्राम दही पर्याप्त है। अधिक मात्रा से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
कब न खाएं दही
एलर्जी: लैक्टोज असहिष्णुता वाले लोग दही कम मात्रा में या लैक्टोज-मुक्त दही खाएं।
मधुमेह रोगी: चीनी युक्त लस्सी या फ्लेवर्ड दही से बचें। सादा दही बेहतर है।
ठंडी तासीर: सर्दी-खांसी होने पर दही का सेवन सीमित करें।
ताजगी: हमेशा ताजा दही खाएं, क्योंकि खट्टा दही पाचन को नुकसान पहुंचा सकता है।