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Constipation: कब्ज एक सामान्य पाचन समस्या है जिसमें मल त्याग में कठिनाई होती है या मल infrequent (कम बार) और सख्त हो जाता है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब बड़ी आंत (colon) में पानी का अवशोषण अधिक हो जाता है या आंतों की गति धीमी पड़ जाती है। इसके कई कारण हो सकते है। प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार, जब आंतों में मल कठोर हो जाता है और नियमित रूप से बाहर नहीं निकलता, तो इसे ही कब्ज कहा जाता है। यह शरीर में विषाक्त पदार्थों के संचय का कारण बन सकता है और अन्य कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है।
कब्ज (Constipation) – प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार कारण, लक्षण,
कब्ज के कारण (Causes of Constipation)
• अस्वस्थ आहार: कम फाइबर युक्त भोजन, अधिक तला-भुना, प्रोसेस्ड फूड और चीनी का सेवन।
• पानी की कमी: पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना जिससे मल सख्त हो जाता है।
• अनियमित दिनचर्या: भोजन का सही समय पर न करना, देर रात जागना, पर्याप्त नींद न लेना।
• तनाव और मानसिक असंतुलन: मानसिक तनाव, चिंता, और डिप्रेशन पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं।
• शारीरिक निष्क्रियता: नियमित व्यायाम और शारीरिक गतिविधियों की कमी।
• अत्यधिक चाय, कॉफी और धूम्रपान: ये पाचन तंत्र को कमजोर कर सकते हैं।
• आंतों की कमजोरी: अधिक जंक फूड और दवाइयों का सेवन करने से आंतों की शक्ति कम हो जाती है।
कब्ज के लक्षण (Symptoms of Constipation)
• मल त्याग में कठिनाई और कठोर मल
• मलत्याग के दौरान दर्द और जलन
• पेट भारी लगना और गैस बनना
• सिरदर्द, जी मिचलाना और चिड़चिड़ापन
• त्वचा पर फुंसियां और मुंहासे
• मुंह से बदबू आना
स्वस्थ उपाय (Healthy Remedies)
(A) प्राकृतिक घरेलू उपाय
• गुनगुना पानी: सुबह उठकर एक गिलास गुनगुना पानी पीने से आंतें सक्रिय होती हैं।
• त्रिफला चूर्ण: रात में सोने से पहले 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण गर्म पानी के साथ लें।
• अलसी के बीज: 1 चम्मच अलसी के बीज पीसकर गर्म पानी के साथ लें।
• गाय का घी: भोजन में देसी गाय का घी शामिल करें, यह आंतों को चिकना करता है।
• इसबगोल: ½ चम्मच इसबगोल को 1 गिलास गुनगुने पानी में मिलाकर भोजन से 40 मिनट पहले लेने से कब्ज़ से राहत मिलती है।
• नींबू पानी: गुनगुने पानी में नींबू और शहद मिलाकर पीने से पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है।
प्रतिदिन 2 मुट्ठी पालक और 1 गिलास संतरे का जूस पीना कब्ज़ को दूर करने में मदद कर सकता है।
कैसे फायदेमंद है?
1.पालक – यह फाइबर, मैग्नीशियम और आयरन से भरपूर होता है, जो पाचन तंत्र को सक्रिय करता है और मल त्याग को आसान बनाता है।
2.संतरा – इसमें विटामिन C और प्राकृतिक साइट्रिक एसिड होता है, जो आंतों की सफाई में मदद करता है और मल को नरम बनाता है।
कैसे सेवन करें?
• सुबह खाली पेट 2 मुट्ठी ताजा पालक खाएं या इसका जूस बना लें।
• साथ में 1 गिलास ताजा संतरे का जूस पिएं (बिना चीनी मिलाए)।
• दिनभर भरपूर पानी पिएं और फाइबर युक्त भोजन करें।
नियमित सेवन से लाभ:
कब्ज़ से राहत
पाचन शक्ति में सुधार
शरीर को डिटॉक्स करने में मदद
पोषक तत्वों की बेहतर अवशोषण क्षमता
अगर कब्ज़ पुरानी समस्या है, तो इसे रोज़मर्रा की डाइट में शामिल करें और सक्रिय जीवनशैली अपनाएं
(B) सही आहार (Healthy Diet)
फाइबर युक्त आहार: हरी सब्जियां, फल (पपीता, सेब, नाशपाती), साबुत अनाज, दालें।
प्रोबायोटिक्स: दही, छाछ, घर का बना आचार।
ड्राई फ्रूट्स: रात में 5-6 मुनक्का भिगोकर सुबह खाने से कब्ज दूर होती है।
पानी: दिनभर में 8-10 गिलास पानी पीना आवश्यक है।
जीवनशैली सुधार (Lifestyle Changes)
योग और व्यायाम:
• पवनमुक्तासन, भुजंगासन, वज्रासन, मलगति योगासन से आंतों की कार्यक्षमता बढ़ती है।
• रोज़ाना कम से कम 30 मिनट टहलना चाहिए।
नियमित दिनचर्या:
• भो जन समय पर करें और पर्याप्त नींद लें।
• सुबह शौच की आदत डालें, जबरदस्ती मल त्यागने की कोशिश न करें।
• तनावमुक्त रहने के लिए ध्यान (मेडिटेशन) करें।
कब्ज केवल आंतों की समस्या नहीं, बल्कि पूरे शरीर के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार, सही आहार, पर्याप्त पानी, योग-व्यायाम और मानसिक शांति से इसे ठीक किया जा सकता है। जीवनशैली में बदलाव करके और प्राकृतिक उपायों को अपनाकर कब्ज से स्थायी रूप से राहत पाई जा सकती है।