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मोबाइल-लैपटॉप के ज्यादा इस्तेमाल से घट रही आंखों की रोशनी, करें ये योगासन

आज की डिजिटल दुनिया में हमारी आंखें लगातार कंप्यूटर, मोबाइल और टीवी स्क्रीन की रोशनी के संपर्क में हैं। इस वजह से आंखों में थकान, जलन, सूखापन, सिरदर्द और देखने की क्षमता में कमी आम हैं। आंखों की देखभाल और योग के माध्यम से भी की जा सकती है।

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YBN News
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lossofeyesight Photograph: (IANS)

नई दिल्ली। मोबाइल और लैपटॉप का लंबे समय तक इस्तेमाल आंखों की रोशनी पर नकारात्मक असर डाल रहा है। लगातार स्क्रीन देखने से आंखों में थकान, सूखापन और धुंधलापन बढ़ रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, आंखों की रोशनी बनाए रखने के लिए रोजाना कुछ आसान योगासन जैसे त्राटक, नेत्रसंचालन, और पामिंग का अभ्यास बेहद लाभकारी है। इनसे आंखों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। 

आज की डिजिटल दुनिया

मालूम हो कि आज की डिजिटल दुनिया में हमारी आंखें लगातार कंप्यूटर, मोबाइल और टीवी स्क्रीन की रोशनी के संपर्क में हैं। इस वजह से आंखों में थकान, जलन, सूखापन, सिरदर्द और देखने की क्षमता में कमी जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। आयुष मंत्रालय के अनुसार, आंखों की देखभाल रोजमर्रा की आदतों और योग के माध्यम से भी की जा सकती है। आंखें हमारे शरीर की सबसे जरूरी इंद्रियों में से एक हैं।

आंखों की रोशनी

योगासन में कई ऐसे आसन हैं जो आंखों की मांसपेशियों को मजबूत बनाने, रक्त परिसंचरण बढ़ाने और आंखों को आराम देने में मदद करते हैं। ये आसन न केवल आंखों की रोशनी को बनाए रखने में सहायक होते हैं, बल्कि तनाव और थकान से भी राहत दिलाते हैं। इसके अलावा, हर 20 मिनट में स्क्रीन से नजर हटाकर दूर देखें और पर्याप्त नींद लें। ऐसा करने से आंखों की थकान कम होगी और दृष्टि स्वस्थ बनी रहेगी।

हथेली से आंख ढंकना:

हथेलियों की गर्माहट से आंखों को आराम देना भी योग में शामिल है। आयुष मंत्रालय के अनुसार, जब आंखों पर हथेलियों की हल्की गर्माहट पड़ती है तो आंखों की नसों को आराम मिलता है और रक्त परिसंचरण बेहतर होता है। इससे आंखों की थकान कम होती है और देखने की क्षमता पर धीरे-धीरे अच्छा असर पड़ता है।

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त्राटक:

 ये एक ऐसी योग पद्धति है जो आंखों के फोकस और ध्यान को मजबूत करती है। आयुष मंत्रालय के अनुसार, इस अभ्यास से आंखों की मांसपेशियां सक्रिय रहती हैं और आंखों का ध्यान केंद्रित करना आसान होता है। जब हम किसी निश्चित बिंदु पर अपनी नजर टिकाकर देखते हैं, तो आंखें ज्यादा स्थिर और मजबूत बनती हैं। यह केवल आंखों के लिए नहीं, बल्कि दिमाग के लिए भी एक तरह का व्यायाम है, क्योंकि इससे ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में सुधार होता है।

भस्त्रिका प्राणायाम:

सांस से जुड़े योग अभ्यास जैसे भस्त्रिका प्राणायाम भी आंखों के लिए फायदेमंद हैं। इस प्राणायाम से शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है और आंखों की नसों और कोशिकाओं तक पर्याप्त रक्त पहुंचता है। आयुष मंत्रालय के मुताबिक, यह आंखों में ऊर्जा और ताजगी बनाए रखने में मदद करता है। इसके अलावा, यह अभ्यास मानसिक तनाव को भी कम करता है, जिससे आंखों की थकान और सिरदर्द में राहत मिलती है।

आंखें झपकाना: 

आंखों को तेजी से झपकाना और फिर उन्हें बंद करके आराम देना एक आसान लेकिन प्रभावी अभ्यास है। इस प्रक्रिया से आंखों की सतह पर नमी बनी रहती है और ड्राई आई जैसी समस्या कम होती है। आयुष मंत्रालय के अनुसार, नियमित रूप से आंखें झपकाने से आंखों की मांसपेशियों में लचीलापन बढ़ता है और देखने की क्षमता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

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(इनपुट-आईएएनएस)

Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"

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