मुंबई, वाईबीएन नेटवर्क।
मुंबई के नायर अस्पताल में 12 फरवरी को 53 वर्षीय एक मरीज की गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) से मृत्यु हो गई आई है। रिपोर्ट के अनुसार मरीज वडाला इलाके का रहने वाला था और बीएन देसाई अस्पताल में काम करता था। नायर अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार मरीज काफी दिनों से बीमार था और उसका इलाज चल रहा था। महाराष्ट्र में इस सिंड्रोम से यह दूसरी मौत का मामला है।
महाराष्ट्र में जीबीएस के बढ़ते मामले
हाल ही में, महाराष्ट्र में जीबीएस के मामलों में वृद्धि देखी गई है। एक दसवीं कक्षा की छात्रा नायर अस्पताल में भर्ती है, जिसे जीबीएस सिंड्रोम वायरस हुआ है। लड़की पाल घर की रहने वाली है । इसके अतिरिक्त, 6 फरवरी को भी इस वायरस के कारण एक मरीज की मौत हो गई थी ।
महाराष्ट्र के पुणे में 26 फरवरी को जीबीएस सिंड्रोम वायरस के कारण एक चार्टर्ड अकाउंटेंट की मौत हो गई। वह डीएसके विश्वा इलाके का रहने वाला था।
जीबीएस के लक्षण और कारण:
जीबीएस के लक्षणों में मांसपेशियों में कमजोरी, पैरों और बाहों में सुन्नता, निगलने या सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं। गंभीर मामलों में, यह लकवा का कारण भी बन सकता है। जीबीएस का सटीक कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन इसके लक्षण आमतौर पर सांस या पाचन तंत्र के संक्रमण के बाद दिखाई देने लगते हैं। बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण, टीकाकरण, सर्जरी और न्यूरोपैथी इस सिंड्रोम को ट्रिगर कर सकते हैं।
सरकारी प्रयास और सलाह
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस 29 जनवरी को जीबीएस के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रशासन को मरीजों के इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में विशेष व्यवस्था करने को कहा था । इससे पहले 27 जनवरी को पुणे में जीबीएस के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने राज्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप और प्रबंधन का समर्थन करने के लिए सात सदस्यीय टीम तैनात की।
राज्य स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से उबला हुआ पानी पीने, खुले में या बासी खाना खाने से बचने की सलाह दी है। यदि हाथ-पैरों की मांसपेशियों में अचानक कमजोरी महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेने की सलाह दी गई है।
जीबीएस के मामलों में वृद्धि और इससे होने वाली मौतों की खबरें चिंता का विषय हैं। सरकार और स्वास्थ्य विभाग इस स्थिति से निपटने के लिए सक्रिय कदम उठा रहे हैं, और लोगों को स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी गई है।