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Health Awareness: चीनी नहीं, मीठा जहर खा रहे हैं आप! जो शरीर को कर देगा खोखला

 विशेषज्ञों और आयुर्वेद की मानें तो चीनी को 'सफेद जहर' कहना गलत नहीं होगा। भले ही चीनी गन्ने से तैयार की जाती है, लेकिन रिफाइनिंग प्रक्रिया में इसके सभी प्राकृतिक पोषक तत्व जैसे फाइबर, खनिज और विटामिन खत्म हो जाते हैं।

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Mukesh Pandit
Health Awareness

आजकल चीनी हमारी थाली और रसोई का एक जरूरी हिस्सा बन गई है। सुबह की चाय से लेकर रात के खाने तक, हर चीज में सफेद चीनी शामिल है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह मीठा स्वाद वास्तव में हमारी सेहत को अंदर ही अंदर कितना नुकसान पहुंचा रहा है?  विशेषज्ञों और आयुर्वेद की मानें तो चीनी को 'सफेद जहर' कहना गलत नहीं होगा। भले ही चीनी गन्ने से तैयार की जाती है, लेकिन रिफाइनिंग प्रक्रिया में इसके सभी प्राकृतिक पोषक तत्व जैसे फाइबर, खनिज और विटामिन खत्म हो जाते हैं, जिससे यह सिर्फ खाली कैलोरी का स्रोत बन जाती है जो वजन तो बढ़ाती है, पर पोषण नहीं देती।

चीनी नशे की तरह आदत डाल देती है

चीनी के कई ऐसे प्रभाव हैं जो धीरे-धीरे शरीर को खोखला कर देते हैं। यह नशे की तरह आदत डाल देती है क्योंकि यह डोपामिन रिलीज कर मस्तिष्क को खुशी का एहसास कराती है। यही कारण है कि मीठा खाने के बाद बार-बार उसकी तलब लगती है इतना ही नहीं, चीनी कई ऐसे खाद्य उत्पादों में छुपी हुई होती है जिनके बारे में शायद आपको पता भी नहीं हो, जैसे ब्रेड, सॉस, अचार, नमकीन स्नैक्स और पैक्ड फूड में अलग-अलग नामों जैसे फ्रुक्टोज, कॉर्न सिरप, डेक्सट्रोज़ आदि के रूप में पाई जाती है। 

त्वचा पर जल्दी झुर्रियां आती हैं 

अधिक चीनी सेवन से त्वचा पर जल्दी झुर्रियां आती हैं क्योंकि यह कोलेजन को नुकसान पहुंचाती है। साथ ही इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, जिससे शरीर संक्रमणों से लड़ने में अक्षम हो जाता है।अधिक मात्रा में चीनी लेने से दिमागी स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है, स्मरणशक्ति और एकाग्रता में कमी आती है और यह अल्जाइमर जैसी बीमारियों का कारण बन सकती है। यह ब्लड प्रेशर, खराब कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को बढ़ाकर दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ाती है। वहीं लिवर में फैट जमा होकर फैटी लिवर की समस्या खड़ी कर सकता है।

रिफाइंड सफेद चीनी हानिकारक 

आयुर्वेद में रिफाइंड सफेद चीनी को हानिकारक माना गया है और इसकी जगह शुद्ध खांड, मिश्री, गुड़, शहद, खजूर, अंजीर और स्टीविया जैसे प्राकृतिक विकल्पों को अपनाने की सलाह दी गई है। मिठाई बनाते समय गुड़ या खजूर का प्रयोग करें, और बच्चों को कोल्ड ड्रिंक की जगह बेल का शरबत या शिकंजी दें। आईएएनएस  Healthy Dish | get healthy | healthy lifestyle | healthy lifestyle tips | healthy indian diet | healthyfood 

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