/young-bharat-news/media/media_files/2025/08/30/health-studay-2025-08-30-19-14-49.jpg)
पिछले 40 वर्षों से दिल का दौरा पड़ने के बाद मानक उपचार के रूप में इस्तेमाल होने वाली बीटा ब्लॉकर्स फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसके प्रयोग से कुछ महिलाओं का डेथ रिस्क बढ़ सकता है। एक अध्ययन में स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट पैराडाइम (मानक उपचार प्रतिमान) में बदलाव की बात कही गई है। बीटा ब्लॉकर्स आमतौर पर हृदय संबंधी कई स्थितियों, जिनमें दिल का दौरा भी शामिल है, के लिए प्रयोग में लाई जाती है। यह उन रोगियों के लिए कोई नैदानिक लाभ प्रदान नहीं करती है जिनका मायोकार्डियल इन्फार्कशन यानी आम बोलचाल की भाषा में कहें तो दिल का दौरा (हार्ट अटैक) पड़ा हो।
डेथ और हार्ट अटैक रिस्क का अंतर
मैड्रिड में यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी कांग्रेस में प्रस्तुत और द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन और यूरोपियन हार्ट जर्नल में एक साथ प्रकाशित इस अध्ययन से पता चला है कि बीटा ब्लॉकर्स से जिन महिलाओं का इलाज किया गया उनकी डेथ और हार्ट अटैक रिस्क उन महिलाओं की बनिस्बत ज्यादा था जिन्हें ये नहीं दी गईं। हालांकि, पुरुषों में ऐसा नहीं देखा गया। माउंट सिनाई फस्टर हार्ट हॉस्पिटल के अध्यक्ष और वरिष्ठ अन्वेषक वैलेंटिन फस्टर ने कहा, "यह अध्ययन सभी इंटरनेशनल क्लिनिकल गाइडलाइंस (अंतरराष्ट्रीय नैदानिक दिशानिर्देशों) को नया रूप देगा।"
बीटा ब्लॉकर्स थकान, ब्रैडीकार्डिया जैसे दुष्प्रभाव
स्पेन स्थित सेंट्रो नैशनल डी इन्वेस्टिगेशियोनेस कार्डियोवैस्कुलरेस (सीएनआईसी) के वैज्ञानिक निदेशक और प्रमुख शोधकर्ता बोर्जा इबानेज ने कहा, "वर्तमान में, बिना किसी जटिलता वाले मायोकार्डियल इन्फार्क्शन वाले 80 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों को बीटा ब्लॉकर्स पर छुट्टी दे दी जाती है। ये निष्कर्ष इस दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है। हालांकि आम तौर पर सुरक्षित माने जाने वाले बीटा ब्लॉकर्स थकान, ब्रैडीकार्डिया (हृदय गति कम होना) और यौन रोग जैसे दुष्प्रभाव पैदा कर सकते हैं।
109 अस्पतालों के 8,505 मरीजों को शामिल किया
इस अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में स्पेन और इटली के 109 अस्पतालों के 8,505 मरीजों को शामिल किया गया। प्रतिभागियों को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद बीटा ब्लॉकर्स लेने या न लेने के लिए उनकी इच्छा के अनुरूप चुना गया। बाकी सभी मरीजों को वर्तमान स्टैंडर्ड के अनुसार केयर दी गई और ऐसा लगभग चार वर्षों तक किया गया।
बीटा ब्लॉकर्स से इलाज में महिलाओं में प्रतिकूल प्रभाव
परिणामों से दोनों समूहों के बीच मृत्यु दर, बार-बार दिल का दौरा पड़ने या हार्ट फेल्योर से अस्पताल में भर्ती होने की दर में कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं दिखा। एक उपसमूह विश्लेषण में पाया गया कि बीटा ब्लॉकर्स से इलाज की गई महिलाओं में प्रतिकूल प्रभाव अधिक देखे गए। 3.7 वर्षों के फॉलो-अप स्टडी के दौरान पाया गया कि जिन्हें बीटा ब्लॉकर्स नहीं दी गई उनकी मौत का आंकड़ा जिन्हें दिया गया उनके मुकाबले कम था>आईएएनएस HEALTH | get healthy | get healthy body | healthy lifestyle india | healthy lifestyle tips | Heart attack treatment