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Hairfall Photograph: (ians)
नई दिल्ली। बारिश का मौसम गर्मी से राहत तो दिलाता है, लेकिन साथ ही बालों के झड़ने की समस्या भी बढ़ा देता है। जैसे कि हवा में बढ़ी नमी और उमस के कारण हमारे सर के स्कैल्प में संक्रमण और बालों के कमजोर होने का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, इसकी सही देखभाल और कुछ आसान उपाय अपनाकर आप इस मौसम में भी अपने बालों को स्वस्थ और मजबूत बनाए रख सकते हैं।
स्कैल्प को नुकसान
बारिश का मौसम जहां एक ओर गर्मी से राहत दिलाता है, वहीं दूसरी ओर यह अपने साथ कुछ परेशानियां भी लाता है, जिनमें से एक है बालों का झड़ना। इसके अलावा, बारिश के पानी में मौजूद अशुद्धियां और प्रदूषण स्कैल्प को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे खुजली, डैंड्रफ और बालों का झड़ना बढ़ता है।नमी, उमस और बदलते वातावरण में बदलाव के कारण इस मौसम में बालों का झड़ना एक आम समस्या है।
शरीर में 'दोषों' का असंतुलन
चरक संहिता में इसका उल्लेख किया गया है। बरसात में बाल झड़ने का प्रमुख कारण शरीर में 'दोषों' का असंतुलन है। खास तौर पर पित्त दोष का बिगड़ना और पाचन अग्नि का कमजोर होना बालों को प्रभावित करता है। इससे शरीर में नमी बढ़ती है और पोषक तत्वों की कमी के कारण बाल कमजोर होकर झड़ने लगते हैं।इसके साथ ही, हवा में मौजूद नमी बालों को सोख लेती है, जिससे वे रूखे, बेजान और भंगुर हो जाते हैं। नतीजतन, बालों में टूटने और झड़ने की समस्या बढ़ जाती है।
साफ-सफाई पर विशेष ध्यान
विशेषज्ञों का मानना है कि मानसून में बालों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। बारिश के पानी में भीगने के बाद बालों को साफ पानी से धोना न भूलें, क्योंकि बारिश के पानी में मौजूद प्रदूषक तत्व बालों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।सही शैम्पू और कंडीशनर का चुनाव भी महत्वपूर्ण है। ऐसे उत्पादों का प्रयोग करें जो आपके बालों के प्रकार के अनुकूल हों और उन्हें रूखा न बनाएं।
बालों को पोषण
इस मौसम में बालों को पोषण देना भी बेहद जरूरी है। अपनी डाइट में प्रोटीन, विटामिन और आयरन से भरपूर चीजें जैसे- अंडा, पालक, फल और नट्स शामिल करें। इसके अलावा, हफ्ते में एक या दो बार बालों में तेल लगाना और हल्के हाथों से मालिश करना स्कैल्प के ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है, जिससे बालों की जड़ें मजबूत होती हैं। इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप मानसून में बालों के झड़ने की समस्या को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
दही का इस्तेमाल
ऐसे में आप दही का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह पेट के साथ बालों के लिए भी लाभकारी है। विज्ञान कहता है कि दही के लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया स्कैल्प माइक्रोबायोटा को बैलेंस करने में मदद करते हैं, जिससे डैंड्रफ, खुजली और इंफेक्शन में राहत मिलती है। इसके साथ ही दही में मौजूद प्रोटीन बालों को मजबूती देता है और उनमें चमक लाता है। इसमें प्रोबायोटिक बैक्टीरिया भरपूर मात्रा में होते हैं, जो स्कैल्प की डैमेज सेल्स को हटाकर, बालों को प्राकृतिक रूप से कंडीशन करते हैं।
वात दोष का प्रभाव
सुश्रुत संहिता के अनुसार, बरसात में वात दोष का प्रभाव बढ़ता है, जो दूषित पित्त के साथ मिलकर रोमकूपों (हेयर फॉलिकल्स) को कमजोर करता है। इससे बालों की जड़ें कमजोर हो जाती हैं और बाल झड़ने लगते हैं। बारिश के मौसम में बालों को स्वस्थ रखने के लिए नियमित देखभाल और आयुर्वेदिक उपाय अपनाएं। इससे न केवल बालों का झड़ना रुकेगा, बल्कि वे चमकदार और मजबूत भी बनेंगे।
तैलीय मालिश
आयुर्वेद विशेषज्ञों का कहना है कि इस मौसम में बालों की देखभाल के लिए तैलीय मालिश, हर्बल शैंपू और संतुलित आहार जरूरी है। नारियल तेल, आंवला, शिकाकाई और ब्राह्मी जैसे प्राकृतिक तत्व बालों को पोषण देकर उनकी जड़ों को मजबूत करते हैं। इसके साथ ही, तनाव कम करने और पर्याप्त नींद लेने से भी बालों की सेहत में सुधार होता है।
(इनपुट-आईएएनएस)
Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"