जिस तरह तापमान तेजी में वृद्धि हो रही है और गर्मी का प्रभाव बढ़ रहा है, ऐसे में हीटवेव (गर्मी की लहर) का शरीर पर काफी दुष्प्रभाव पड़ता है। भारत में इस साल गर्मी के पिछले सारे रिकॉर्ड टूट सकते हैं। मार्च का महीना अभी खत्म भी नहीं हुआ है और कई राज्यों में तापमान 43 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है। भारतीय मौसम विभाग की मानें तो इस साल फरवरी में ही गर्मी ने 125 साल का रिकॉर्ड तोड़ा था। यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है, यह एक चेतावनी है। ऐसे में यह जरूरी है कि गर्मी बढ़ने से होने वाले नुकसान से कुछ घरेलू उपचार और सावधानियां बरत कर बचा जा सकता है।
अत्यधिक हीटवेव के दौरान बरतें उपाय और सावधानियां :
हाइड्रेशन बनाए रखें:
ढेर सारा पानी पिएं, भले ही आपको प्यास न लगे। दिनभर में 2-3 लीटर पानी पीने की कोशिश करें।
नींबू पानी, नारियल पानी, या ओआरएस (ORS) जैसे इलेक्ट्रोलाइट युक्त पेय लें।
कैफीन और शराब से बचें, क्योंकि ये निर्जलीकरण को बढ़ा सकते हैं।
ठंडक में रहें:
घर के अंदर रहें, खासकर दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच, जब गर्मी सबसे ज्यादा होती है।
पंखे, कूलर या एयर कंडीशनिंग का उपयोग करें।
खिड़कियों पर पर्दे या अखबार लगाकर धूप को रोकें।
हल्के कपड़े पहनें:
हल्के रंग के, ढीले और सूती कपड़े पहनें जो पसीने को सोख सकें।
सिर को धूप से बचाने के लिए टोपी, छाता या दुपट्टे का इस्तेमाल करें।
शारीरिक गतिविधि सीमित करें:
बाहर मेहनत वाले काम करने से बचें। जरूरी हो तो सुबह जल्दी या शाम को करें।
अगर बाहर काम करना पड़े, तो बार-बार ब्रेक लें और छाया में आराम करें।
खानपान का ध्यान रखें:
हल्का और आसानी से पचने वाला भोजन खाएं, जैसे फल (तरबूज, खीरा, संतरा) और सब्जियां।
तैलीय और मसालेदार भोजन से परहेज करें।
हीटस्ट्रोक के लक्षण पहचानें:
तेज बुखार, सिरदर्द, चक्कर आना, उल्टी, या बेहोशी जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
शरीर का तापमान 104°F (40°C) से ऊपर जाना खतरनाक हो सकता है।
बच्चों और बुजुर्गों का खास ख्याल रखें:
इनकी गर्मी सहने की क्षमता कम होती है, इसलिए इन्हें ठंडा और हवादार स्थान पर रखें।
पशुओं की देखभाल:
पालतू जानवरों को छाया और पानी उपलब्ध कराएं। उन्हें गर्म गाड़ियों में न छोड़ें।
आपात स्थिति के लिए तैयार रहें:
- नजदीकी अस्पताल या डॉक्टर का संपर्क नंबर रखें।
- अगर कोई बेहोश हो जाए, तो उसे ठंडे पानी से नहलाएं और तुरंत मदद बुलाएं।
- इन उपायों को अपनाकर आप और आपके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। अगर स्थिति गंभीर लगे, तो तुरंत स्थानीय प्रशासन या स्वास्थ्य
- सेवाओं से संपर्क करें।
- शीतल पेय पदार्थों का उपयोग करें: अपनी दिनचर्या में प्राकृतिक रूप से शीतल पेय पदार्थ जैसे नारियल पानी, नींबू का रस या फलों को शामिल करें। ये
- शरीर के तापमान को कम करने और आपको तरोताजा रखने में मदद करते हैं।
- सीधी धूप से बचें: बाहर जाते समय, धूप से बचने के लिए छाता या चौड़ी टोपी पहनें। इससे हीटस्ट्रोक और सनबर्न से बचाव होता है।
- हल्का भोजन करें: घर से निकलने से पहले हल्का और आसानी से पचने वाला भोजन करें। भारी या तैलीय भोजन से बचें, क्योंकि ये शरीर की गर्मी बढ़ा सकते हैं।
- उचित कपड़े पहनें: सूती जैसे कपड़ों से बने पूरी आस्तीन वाले, ढीले-ढाले कपड़े पहनें। यह सीधे सूर्य की रोशनी से बेहतर
- ठंडे पानी के अर्क का उपयोग करें: अपने पीने के पानी को ठंडा करने वाली सामग्री जैसे खस (वेटिवर), सारिवा (भारतीय सरसपैरिला), जीरा (जीरा), और धान्यक (धनिया के बीज) से तैयार करें। यह शरीर की गर्मी को कम करने में मदद कर सकता है।