/young-bharat-news/media/media_files/2025/11/05/stem-cell-research-2025-11-05-17-50-33.jpg)
जापान के ओसाका मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक महत्वपूर्ण मेडिकल सफलता हासिल की है। उन्होंने जानवरों पर किए गए शोधों में पाया कि शरीर की चर्बी से निकाले गए स्टेम सेल्स रीढ़ की हड्डी के फ्रैक्चर का इलाज कर सकते हैं। यह शोध खासतौर पर उन लोगों के लिए उम्मीद की किरण है जो ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी से पीड़ित हैं।
ऑस्टियोपोरोसिस: हड्डियों के टूटने का खतरा
बता दें कि ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें हड्डियां नाजुक हो जाती हैं और इसमें सामान्य गतिविधियों के दौरान हड्डियों के टूटने का खतरा बना रहता है। इस बीमारी में सबसे आम फ्रैक्चर रीढ़ की हड्डियों में होते हैं, जिन्हें ऑस्टियोपोरोटिक वर्टेब्रल फ्रैक्चर कहा जाता है। इस तरह के फ्रैक्चर मरीजों की जीवन गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं, जिसके चलते लंबे समय तक देखभाल की आवश्यकता होती है। ऐसे में कोई भी नया और सुरक्षित इलाज बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
स्टेम सेल्स: अलग-अलग कोशिकाओं में बदल सकते हैं
बोन एंड जॉइंट रिसर्च में प्रकाशित शोध में बताया गया कि शोधकर्ताओं ने शरीर की चर्बी से स्टेम सेल्स (एडीएससी) निकाले। इन स्टेम सेल्स की सबसे खास बात यह है कि इन्हें आसानी से इकट्ठा किया जा सकता है और इस दौरान शरीर पर ज्यादा तनाव नहीं पड़ता। यह तरीका काफी सुरक्षित माना जाता है। स्टेम सेल्स कई तरह की अलग-अलग कोशिकाओं में बदल सकते हैं, और यही गुण उन्हें हड्डियों के इलाज में खास बनाता है।
बोन-डिफरेंशिएटेड स्फेरोइड्स क्या है
टीम ने इन स्टेम सेल्स को 3डी गोल क्लस्टर में विकसित किया, जिन्हें बोन-डिफरेंशिएटेड स्फेरोइड्स कहा जाता है। इन क्लस्टरों को बीटा-ट्राईकेल्शियम फास्फेट नामक एक सामान्य हड्डी बनाने वाले पदार्थ के साथ मिलाया गया। इस मिश्रण को चूहों की रीढ़ की हड्डियों में लगाया गया, जिनमें फ्रैक्चर थे। परिणाम बहुत सकारात्मक रहे। हड्डियों की मरम्मत जल्दी हुई और उनकी ताकत भी बढ़ी। साथ ही, हड्डियों के बनने और उन्हें मजबूत करने वाले जीन सक्रिय हुए, जिससे यह साबित हुआ कि यह तरीका शरीर के लिए प्राकृतिक और असरदार है।
स्टेम सेल्स शरीर में कोई परेशानी नहीं पैदा करते
यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ मेडिसिन के छात्र युता सवादा ने कहा, ''एडीएससी से बने इन गोल क्लस्टर से रीढ़ की हड्डी के फ्रैक्चर के लिए नए और प्रभावी इलाज की संभावना बढ़ जाती है।''डॉ. शिंजी ताकाहाशी ने कहा, ''चर्बी से निकाले गए ये स्टेम सेल्स शरीर में कोई परेशानी नहीं पैदा करते और यह तरीका सरल और असरदार है। यह मुश्किल से मुश्किल फ्रैक्चर को भी जल्दी ठीक कर सकता है और मरीजों के लिए सुरक्षित विकल्प हो सकता है।''आईएनएस
Japan researchers | healthy lifestyle tips | healthy lifestyle india | healthy lifestyle | unhealthy lifestyle se kaise bachein
/young-bharat-news/media/agency_attachments/2024/12/20/2024-12-20t064021612z-ybn-logo-young-bharat.jpeg)
Follow Us