नई दिल्ली, आईएएनएस। बारिश का मौसम अपनी ठंडी फुहारों के साथ तन-मन को तरोताजा कर देता है, लेकिन यह मौसम अपने साथ डिहाइड्रेशन और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी लाता है। हालांकि, मानसून में प्यास कम लगने की समस्या आम है, जिसे आमतौर पर नजरअंदाज कर दिया जाता है। इन समस्याओं से निजात दिलाने में नींबू और सेंधा नमक फायदेमंद है।
सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजाबताती हैं कि बारिश के मौसम में प्यास नहीं लगती तो इसका मतलब यह नहीं कि शरीर को पानी की जरूरत नहीं है। उन्होंने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर किया, जिसमें बताया, “नमी और ठंडक के कारण पसीना जल्दी नहीं सूखता, जिससे दिमाग को प्यास का एहसास कम होता है। फिर भी, शरीर से पानी और जरूरी मिनरल्स निकलते रहते हैं, जिसके परिणामस्वरूप थकान, सुस्ती, भूख की अधिक इच्छा या कब्ज जैसी समस्याएं हो सकती हैं।”
पूजा मखीजा ने बताया, “हाइड्रेशन का मतलब सिर्फ प्यास बुझाना नहीं, बल्कि शरीर को सुचारु रूप से कार्य करने के लिए पर्याप्त पानी और पोषक तत्व प्रदान करना है। मानसून में बारिश और नमी के कारण हमारा दिमाग गलत संकेत लेता है और सोचता है कि शरीर को पानी की जरूरत नहीं है। लेकिन, वास्तव में शरीर से पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की हानि होती रहती है, जो स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। ठंडा और नम मौसम प्यास के संकेतों को दबा देता है, जिससे हम पानी पीना भूल जाते हैं।"
रोजमर्रा की गतिविधियों से जोड़ा जा सकता
इन समस्याओं से बचने के लिए एक्सपर्ट सलाह देती हैं कि पानी में नींबू और चुटकी भर सेंधा नमक मिलाकर पीना चाहिए। यह मिश्रण सादे पानी की तुलना में शरीर को बेहतर हाइड्रेट करता है, क्योंकि नींबू विटामिन-सी और एंटीऑक्सिडेंट्स प्रदान करता है, जबकि सेंधा नमक इलेक्ट्रोलाइट्स की पूर्ति करता है। यह शरीर में पानी के अवशोषण को बढ़ाता है और डिहाइड्रेशन से बचाता है। साथ ही वह सुझाव देती हैं कि पानी की बोतल हमेशा अपने पास रखें, ताकि पीने की याद बनी रहे।
इसके अलावा, पूजा ने यह भी बताया कि पानी पीने की आदत को रोजमर्रा की गतिविधियों से जोड़ा जा सकता है, जैसे सोशल मीडिया खोलते समय दो घूंट पानी पीना। यह छोटी-छोटी आदतें मानसून में हाइड्रेशन बनाए रखने में मदद कर सकती हैं।