वाईबीएन नेटवर्क।
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में पाश्चात्य खानपान (Western Diet) लोगों की पहली पसंद बनता जा रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आपके फेफड़ों के लिए कितना घातक हो सकता है? हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि वेस्टर्न डाइट से फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
आहार और फेफड़ों के कैंसर का कनेक्शन
अब तक फेफड़ों के कैंसर को आमतौर पर धूम्रपान और प्रदूषण से जोड़कर देखा जाता था, लेकिन फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के एक अध्ययन के मुताबिक, हमारे खानपान की आदतें भी इस जानलेवा बीमारी का कारण बन सकती हैं। इस अध्ययन के अनुसार, वेस्टर्न डाइट में अधिक मात्रा में नमक, चीनी और वसा पाई जाती है, जो शरीर में ग्लाइकोजन के स्तर को बढ़ाती है। ग्लाइकोजन एक प्रकार का शर्करा भंडार है, जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने के लिए ऊर्जा प्रदान करता है। शोधकर्ताओं ने इसे "कैंसर के रोगियों के लिए एक विशाल लॉलीपॉप" की संज्ञा दी है।
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कैसे बढ़ता है कैंसर का खतरा?
जब शरीर में अधिक मात्रा में ग्लाइकोजन जमा होता है, तो यह कैंसर कोशिकाओं के लिए पोषण स्रोत का काम करता है। जितना अधिक ग्लाइकोजन होगा, उतना ही तेजी से कैंसर कोशिकाएं विकसित होंगी और ट्यूमर का आकार बढ़ेगा। वेस्टर्न डाइट में पोषक तत्वों की कमी होती है, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी प्रभावित होती है।
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स्वस्थ जीवन के लिए सही खानपान जरूरी
इस अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता रेमन सन का कहना है कि जैसे धूम्रपान विरोधी अभियान चलाए जाते हैं, वैसे ही लोगों को संतुलित और पोषणयुक्त आहार के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए। शोधकर्ताओं ने यह भी सुझाव दिया है कि हमें अपने खानपान में बदलाव लाकर स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए, जैसे प्राकृतिक और पौष्टिक आहार लें। फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड से बचें। नियमित व्यायाम करें। शराब और अधिक मीठे पदार्थों से परहेज करें
अगर आप लंबे समय तक स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो अपने खानपान पर विशेष ध्यान दें। संतुलित आहार न केवल आपके फेफड़ों बल्कि आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होगा। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के खतरे को कम किया जा सकता है।