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milkmaidwith Photograph: (IANS)
नई दिल्ली, आईएएनएस। भारत समेत कई उष्णकटिबंधीय क्षेत्रोंमें अक्सर खाली पड़ी जमीन पर एक छोटा सा पौधा अपने औषधीय गुणों को समेटे हुए पाया जाता है, जिसे हम 'छोटी दूधी' कहते हैं। इसके तने और पत्तियों से निकलने वाले दूधिया रस की वजह से इस पौधे की पहचान आसानी से की जा सकती है। हालांकि, इसे अक्सर एक खरपतवार मानकर नजरअंदाज कर दिया जाता है, लेकिन आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल सदियों से कई बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता रहा है।
जमीन पर एक छोटा सा पौधा
छोटी दूधी का वैज्ञानिक नाम 'यूफॉर्बिया थाइमीफोलिया' है। इसे अंग्रेजी में 'थाईम लीव्ड स्पर्ज' कहते हैं। यह 'युफोरबिएसी' परिवार से संबंधित है, जो जमीन पर फैला हुआ होता है। इसकी टहनियां पतली और लाल रंग की होती हैं। तो फूल बहुत छोटे और हरे-लाल रंग के होते हैं, जो पत्तियों के बगल में गुच्छों में लगे होते हैं।
छोटी दूधी पेट से संबंधित समस्याओं में मददगार
अमेरिकी नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक छोटी दूधी पेट से संबंधित समस्याओं जैसे दस्त, कब्ज और अपच जैसी दिक्कतों से राहत दिलाने में मददगार होती है, साथ ही यह शरीर की ऊर्जा बढ़ाती है और कमजोरी को भी दूर करने में सहायक है। इसके पौधे के रस या पत्तों का काढ़ा पेट के कीड़ों को खत्म करने में मदद करता है। इसमें मौजूद कसैले गुण रक्तस्राव और घावों को ठीक करने के साथ ही दस्त या पसीने को भी नियंत्रित करने में उपयोगी हैं।
बाल झड़ने में सहायक
दूधिया रस का उपयोग दाद, खुजली, कील-मुंहासे और अन्य त्वचा संक्रमणों को दूर करने के लिए किया जाता है। काले और घने बालों के शौकीन भी इसका लाभ उठा सकते हैं। इसके इस्तेमाल से बाल लंबे, घने, और काले होने के साथ ही शाइनी भी बनते हैं। बाल झड़ने की समस्या को भी यह दूर करने में सहायक है। छोटी दूधी से बना हेयर मास्क बालों को चमकदार बनाता है। लेकिन आखिर इसे बनाए तो बनाएं कैसे? मास्क बनाने के लिए घास का दूध निकाल लें या इस घास को पीस कर पेस्ट बना लें। अब इसे बालों में लगाएं फिर 15-20 मिनट के लिए छोड़ दें।
कई औषधीय गुण
छोटी दूधी के कई औषधीय गुण हैं, लेकिन इसका इस्तेमाल किसी भी बीमारी के इलाज के लिए करने से पहले हमेशा किसी चिकित्सक या आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है। कुछ स्थितियों में इसका गलत या अधिक मात्रा में सेवन हानिकारक भी हो सकता है, खासकर दिल के मरीजों को ऐहतियात बरतनी चाहिए।
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