आप चाय-काफी अथवा शराब ज्यादा पीते हैं तो सतर्क हो जाएं। गर्मी के तेवर दिखने शुरू हो गये हैं और कानपुर में पारा चालीस डिग्री तक पहुंचने वाला है। मतलब साफ है कि हीटवेव (गर्मी व लू) का मौसम आने वाला है। ऐसे में गर्मी से स्वयं को सुरक्षित रखना है और लू के प्रभाव से बचाना है तो ऐतिहात के तौर पर चाय-काफी व शराब पीना कम कर दें। हो सके तो इससे परहेज करें क्योंकि यह तीनों ही तेज गर्मी में आपको बीमार कर सकती हैं।
लोगों को किया जा रहा सतर्क
गर्मी के मौसम में अधिकांश गरीब व रोज दिन में काम करने वालों की सेहत ज्यादा बिगड़ने का खतरा रहता है। उनकी मजबूरी भी होती है कि वह दिन में निकलकर काम करें वरना घर कैसे चलेगा। किशोरावस्था में बच्चे दोपहर में सन्नाटा होने के कारण घूमने भी निकलते हैं, ऐसे में उन्हें भी लू लगने का खतरा रहता है। इन बातों को ध्यान में रखकर जिला प्रशासन तथा अस्पताल प्रशासन द्वारा अभी से लोगों को सतर्क किया जा रहा है कि वह हीटवेव से बचाव करने के लिए स्वयं भी प्रयास करते रहें।
ऐसे किया जा रहा है जागरूक
गर्मी से लोगों को बचाने के लिए जागरूक करने के लिए कानपुर में तरह-तरह के प्रयास किये जा रहे हैं। इसके लिये अस्पतालों के साथ गरीब बस्तियों व घनी बस्तियों में पोस्टर चस्पा किये जा रहे हैं। सीएमओ के स्तर पर वेलनेस सेंटर तथा पीएचसी व सीएचसी में पंफलेट वितरित किए जा रहे हैं। इसमें गर्मी के मौसम में सेहत को सुरक्षित रखने के लिए क्या-क्या जरूरी काम करें ताकि हीटवेव से बच सकें।
समय-समय पर पीते रहें पानी अथवा शिकंजी
जागरूकता कार्यक्रम के तहत लोगों को बताया जा रहा है कि वह तेज धूप में घर पर रहें और यदि बाहर जाना पड़ जाए तो थोड़े-थोड़े समय के अंतराल में शीतल जल, नीबू पानी, शिकंजी, नारियल पानी आदि पीते रहें। कहीं कुछ न मिले तो हैंडपंप अथवा पौशाला से ही शुद्ध पानी पीते रहे। इससे शरीर में पानी की मात्रा पर्याप्त रहेगी तो लू का प्रभाव कम ही पड़ेगा।
हल्के रंग के आरामदायक कपड़े पहने
लोगों को बताया जा रहा है कि घर से जब भी निकलना हो तो पूरे शरीर को ढककर ही निकलें। जहां तक हो सके हाफ कमीज अथवा हाफ पैंट पहनकर कतई बाहर ना जाएं। इस बात का भी ध्यान रखें कि हल्के रंग के आरामदायक सूती कपड़े ही पहनें, जो इस मौसम में शरीर के लिए बेहतर रहेगा।
यह भी करें तो अच्छा रहेगा
गर्मी में हीटवेव से बचने के लिए अच्छा तो यह रहेगा कि तेज धूप के समय दोपहर में 12 से 4 के बीच घर से बहुत जरूरी होने पर ही निकलें। धूप में बाहर जाते समय छाता और आंखों पर चश्मा लगाकर ही निकलें। घर अथवा जिस स्थान पर काम करते हैं, वहां सूर्य की सीधी रोशनी रोकने के लिए पर्दा आदि लगवा लें। धूप को सीधे शरीर पर पड़ने से बचाएं। साथ ही लू से बचाने के लिए पालतू जानवरों को छायादार स्थानों पर रखें। साथ ही बच्चों के साथ बीमार लोगों का खास ख्याल रखें। इस मौसम में बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिये।
धूप में खड़ी गाड़ी में बच्चों को न छोड़ें
साथ ही इस बात को लेकर भी जागरूक किया जा रहा है कि अगर अापको गर्मी में होने वाली बीमारियों से बचना है तो आप अत्यधिक गर्मी (दोपहर 12 से सायं 4) के मध्य धूप में निकलने से बचें। सड़क व अथवा फर्श पर सीधे धूप पड़ रही हो वहां नंगे पांव न जाएं, चप्पल पहनकर ही जाएं। गर्मी में बीमारी से बचने के लिए अत्यधिक प्रोटीनयुक्त भोजन व बासी खाना खाने से परहेज करें। धूप में खड़ी गाड़ियों में बच्चों और पालतू जानवरों को अकेला कतई न छोड़ें, इससे उन्हें नुकसान हो सकता है। घर की महिलाओं को बंद एवं अत्यधिक गर्मी वाले स्थान पर भोजन पकाने से बचना चाहिए, जहां तक हो कुछ ठंडक वाली जगह पर ही खाना बनाएं।