Advertisment

देर रात तक जागने वाले लोगों में बढ़ती उम्र के साथ दिमागी क्षमता कमजोर होने का अधिक खतरा

रात में देर तक जागने वाले या शाम को अधिक सक्रिय रहने वालों का सोने एवं जागने का चक्र देर से शुरू होता है, जबकि सुबह जल्दी उठने वाले लोग जल्दी सोते और जल्दी जागते हैं।

author-image
Mukesh Pandit
staying up late at night
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

अगर आप रात में देर तक जागते हैं तो उम्र बढ़ने के साथ आपकी दिमागी क्षमता कमजोर होने का खतरा सुबह जल्दी उठने वालों की तुलना में अधिक है। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है। अध्ययन में कहा गया है कि व्यक्ति का ‘क्रोनोटाइप’ यानी उसके सोने-जागने की प्रवृत्ति यह निर्धारित करती है कि वह दिन के किन हिस्सों में सबसे अधिक सक्रिय रहता है। brain health tips | Health Advice | health benefits | Health Awareness | healthcare | Health Care 

Advertisment

लोग जल्दी सोते और जल्दी जागते हैं

रात में देर तक जागने वाले या शाम को अधिक सक्रिय रहने वालों का सोने एवं जागने का चक्र देर से शुरू होता है, जबकि सुबह जल्दी उठने वाले लोग जल्दी सोते और जल्दी जागते हैं। नीदरलैंड स्थित ‘यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर ग्रोनिंगन’ की शोधकर्ता एना वेंजलर ने कहा, ‘‘क्या आप सुबह जल्दी उठते हैं या रात को देर तक जागते हैं? अपने ‘क्रोनोटाइप’ को बदलना मुश्किल होता है, लेकिन आप अपनी जीवनशैली को इसके अनुसार ढाल सकते हैं।’’ इस अध्ययन में करीब 23,800 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इसके तहत उनकी दिमागी क्षमता का 10 वर्षों की अवधि तक विश्लेषण किया गया। 

दिमागी क्षमताओं में गिरावट 

Advertisment

अध्ययन में यह पाया गया कि रात में देर तक जागने वाले लोगों की दिमागी क्षमताओं में गिरावट की देर सुबह उठने वालों की तुलना में अधिक थी। यह निष्कर्ष ‘द जर्नल ऑफ प्रिवेंशन ऑफ अल्जाइमर डिजीज’ में प्रकाशित हुआ है। वेंजलर ने कहा, ‘‘हमारे अध्ययन में भी यह पाया गया कि रात में देर तक जागने वाले लोग अधिक धूम्रपान करते हैं और अधिक शराब पीते हैं तथा शारीरिक गतिविधि कम करते हैं। दिमागी क्षमता कमजोर होने के 25 प्रतिशत मामलों की वजह धूम्रपान और खराब नींद हो सकती है।’’ 

उच्च शिक्षा प्राप्त लोगों की दिमागी क्षमता कमजोर

अध्ययन में यह भी पाया गया कि उच्च शिक्षा प्राप्त लोगों की दिमागी क्षमता कमजोर होने की दर अधिक पाई गई और इसका कारण पर्याप्त एवं अच्छी नींद का अभाव हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘ये अधिकतर वे लोग होते हैं जिन्हें सुबह जल्दी काम पर जाना होता है, जिससे वे कम सो पाते हैं और मस्तिष्क को पर्याप्त विश्राम नहीं मिल पाता।’’ उन्होंने बताया कि व्यक्ति का नींद चक्र उम्र के साथ बदलता है। 

Advertisment

शरीर के नींद चक्र के विरुद्ध काम करने से बचना चाहिए

वेंजलर ने कहा, “बचपन में सभी बच्चे सुबह जल्दी उठते हैं। किशोरावस्था में वे देर रात तक जागते हैं और 20 की उम्र के बाद यह चक्र फिर धीरे-धीरे सुबह की ओर लौटने लगता है और 40 की उम्र तक अधिकतर लोग फिर से सुबह जल्दी उठने वाले बन जाते हैं।” वेंजलर ने हालांकि यह भी कहा कि यह बदलाव सभी में नहीं होता। उन्होंने सलाह दी कि जितना संभव हो सके, शरीर के नींद चक्र के विरुद्ध काम करने से बचना चाहिए। 

“आप जल्दी सोने की कोशिश कर सकते हैं, लेकिन अगर शरीर मेलाटोनिन (नींद लाने वाला हार्मोन) नहीं बना रहा, तो नींद नहीं आएगी यानी शरीर अभी सोना नहीं चाहता।” वेंजलर

Advertisment

उन्होंने कहा, “आप जल्दी सोने की कोशिश कर सकते हैं, लेकिन अगर शरीर मेलाटोनिन (नींद लाने वाला हार्मोन) नहीं बना रहा, तो नींद नहीं आएगी यानी शरीर अभी सोना नहीं चाहता।” वेंजलर ने यह भी कहा, “अगर व्यक्ति को अपने नींद चक्र के खिलाफ काम करना पड़े, तो मस्तिष्क को पर्याप्त विश्राम नहीं मिल पाता और व्यक्ति बुरी आदतों को अपनाने लगता है। देर तक जागने वाले लोगों को सुबह की बजाय थोड़ा देर से काम शुरू करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

Health Care healthcare Health Awareness health benefits Health Advice brain health tips
Advertisment
Advertisment