आज के समय में PCOS (Polycystic Ovary Syndrome) एक आम हार्मोनल विकार बन चुका है, खासकर 15-45 वर्ष की महिलाओं में। यह मासिक धर्म की अनियमितता, वजन बढ़ना, मुहांसों, अनावश्यक बालों की वृद्धि और गर्भधारण में कठिनाई जैसे लक्षणों के रूप में प्रकट होता है।
एलोपैथिक इलाज में इसका केवल लक्षणात्मक इलाज होता है, लेकिन नैचुरोपैथी और योग के माध्यम से इसके मूल कारण को ठीक किया जा सकता है — यानी हार्मोनल असंतुलन, पाचन विकार और तनाव।
नैचुरोपैथी से PCOS का समाधान
1. प्राकृतिक आहार:
•साबुत अनाज, फल, हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ, और फाइबर युक्त आहार लेना फायदेमंद होता है।
•चीनी, मैदा, प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाना ज़रूरी है।
• लो-ग्लायसेमिक इंडेक्स वाले आहार जैसे चिया सीड्स, अमरंथ, कूटू, और क्विनोआ को शामिल करें।
2. डिटॉक्स थेरेपी:
•नींबू-पानी, त्रिफला, और नीम पानी का सेवन शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।
• एनिमा, बॉडी रैप, और अभ्यंग जैसी थेरेपीज़ भी सहायक होती हैं।
3. जीवनशैली में सुधार:
•पर्याप्त नींद लें (7-8 घंटे)
•तनाव को कम करें – ध्यान, संगीत, नेचर वॉक से राहत मिलती है।
योग से PCOS का नियंत्रण
विशेष योगासन:
योगासन लाभ
भुजंगासन (Cobra Pose) अंडाशय और प्रजनन अंगों को उत्तेजित करता है
धनुरासन (Bow Pose) हार्मोन बैलेंस करने में सहायक
सुप्त बद्धकोणासन पेल्विक क्षेत्र में ब्लड फ्लो बढ़ाता है
नाड़ी शोधन प्राणायाम नर्वस सिस्टम शांत करता है और हार्मोन संतुलन में सहायक
कपालभाति मेटाबॉलिज़्म तेज करता है और वजन घटाने में सहायक
रोजाना 30–45 मिनट योगाभ्यास और प्राणायाम PCOS के नियंत्रण में अत्यंत प्रभावी है।
सीड साइकलिंग (Seed Cycling) क्या है?
सीड साइकलिंग एक नैचुरल तरीका है जिसमें महिलाओं के मेंस्ट्रुअल साइकिल के अनुसार खास बीजों का सेवन किया जाता है, जिससे हार्मोनल बैलेंस सुधरता है।
फेज 1: फ़ॉलिक्युलर फेज (Day 1 से 14 तक)
•1 tbsp अलसी (Flaxseeds) + 1 tbsp कद्दू के बीज (Pumpkin seeds)
•यह फेज़ एस्ट्रोजन को बैलेंस करने में मदद करता है।
फेज 2: ल्यूटल फेज (Day 15 से 28 तक)
•1 tbsp सूरजमुखी के बीज (Sunflower seeds) + 1 tbsp तिल (Sesame seeds)
•यह फेज़ प्रोजेस्टेरोन को बढ़ावा देता है।
लाभ:
• मासिक धर्म की नियमितता
• ओवुलेशन में सुधार
• मूड स्विंग और थकान में कमी
•त्वचा की स्थिति में सुधार (मुंहासे आदि)
बीजों को हल्का भूनकर पाउडर बनाकर रोज़ सलाद या स्मूदी में मिलाकर खाया जा सकता है।
PCOS कोई लाइलाज रोग नहीं है, बल्कि यह जीवनशैली से जुड़ा एक असंतुलन है। अगर समय रहते नैचुरोपैथी, योग, और सीड साइकलिंग को अपनाया जाए, तो यह पूर्णतः नियंत्रित और धीरे-धीरे ठीक भी हो सकता है।
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