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महिलाओं में ostioarthritis से दिव्यांगता के मामले बढ़े, जानिए कारण...

रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) से गुजरने वाली महिलाओं के ऑस्टियोआर्थराइटिस और इससे जुड़ी दिव्यांगता के मामले पिछले तीन दशक में बहुत बढ़े हैं। वैश्विक स्तर पर किए गई स्टडी के मुताबिक इसमें 130 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है।

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Vibhoo Mishra
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क। 

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एक हालिया अध्ययन के अनुसार, रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) से गुजरने वाली महिलाओं के ऑस्टियोआर्थराइटिस और इससे जुड़ी दिव्यांगता के मामले पिछले तीन दशक में बहुत बढ़े हैं। वैश्विक स्तर पर किए गई स्टडी के मुताबिक इसमें 130 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। ऑस्टियोआर्थराइटिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें जोड़ों के कार्टिलेज का नुकसान होता है, जिसके कारण हड्डियों का पुनर्निर्माण, जोड़ों में शिथिलता और पुराना दर्द उभर आता है।

दुनिया में इतनी करोड़ महिलायें प्रभावित 

2020 में अनुमानित 595 मिलियन लोग इस स्थिति से प्रभावित थे, जो दुनिया की आबादी का लगभग 8 प्रतिशत है। इस बीमारी से महिलाएं (विशेष रूप से रजोनिवृत्ति के बाद) ज्यादा जूझती हैं। 2021 में ऑस्टियोआर्थराइटिस के 14,258,581 नए मामले सामने आए और मौजूदा मामलों की संख्या 278,568,950 थी। बीएमजे ग्लोबल हेल्थ में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार, 1990 के बाद से 99,447,16 स्वस्थ जीवन वर्ष (डीएएलवाई) नष्ट हो गए, जो 133 प्रतिशत, 140 प्रतिशत और 142 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
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ये है कारण 

चीन के शोधकर्ताओं का कहना है कि इसका एक कारण यह है कि रजोनिवृत्ति के दौरान महिला हार्मोन एस्ट्रोजन का स्तर गिर जाता है। एस्ट्रोजन की कमी से स्केलेटल हेल्थ प्रभावित होती है, और ज्वाइंट सिस्टम के कार्य पर भी असर पड़ता है। अतिरिक्त वजन भी विकलांगता का कारण बनता है। चीन के हांग्जो मेडिकल कॉलेज और झेजियांग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने बताया कि रजोनिवृत्त महिलाओं में ऑस्टियोआर्थराइटिस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।

बचाव के लिए करने होंगे ये उपाय 

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उन्होंने कहा कि बीएमआई को नियंत्रित करने के लिए जीवनशैली में बदलाव को बढ़ावा देना चाहिए और जोखिम कारकों की सख्त निगरानी और प्रबंधन के लिए तत्काल उपायों की जरूरत है। इसके साथ ही ऐसी नीतियों को लागू किया जाना चाहिए जो सामाजिक-जनसांख्यिकीय असमानताओं का ध्यान रखें, ताकि रजोनिवृत्त महिलाओं में ऑस्टियोआर्थराइटिस के बोझ को प्रभावी रूप से कम किया जा सके।
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Study में ये आया सामने 

रजोनिवृत्त महिलाओं में ऑस्टियोआर्थराइटिस के वैश्विक प्रभाव को बेहतर तरीके से समझने के लिए, शोधकर्ताओं ने ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज (जीबीडी) 2021 अध्ययन का सहारा लिया। उन्होंने 55 वर्ष और उससे अधिक आयु की रजोनिवृत्त महिलाओं में घुटने, कूल्हे, हाथ और 'अन्य' प्रकार के ऑस्टियोआर्थराइटिस के नए और मौजूदा मामलों तथा स्वस्थ जीवन के खोए गए वर्षों (डीएएलवाई) के लिए 1990 से 2021 तक 204 देशों और क्षेत्रों के आंकड़ों का विश्लेषण किया। अध्ययन में पाया गया कि घुटने का ऑस्टियोआर्थराइटिस सबसे आम प्रकार था और इससे स्वस्थ जीवन के सबसे अधिक वर्ष (1264.48/100,000 लोग) खोए गए, इसके बाद हाथ और 'अन्य' ऑस्टियोआर्थराइटिस का स्थान था। कूल्हे का ऑस्टियोआर्थराइटिस सबसे कम आम था और इससे होने वाले जीवन वर्ष के नुकसान की दर सबसे कम थी।

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