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Treatment: सिद्ध चिकित्सा से करें माइग्रेन का इलाज, जानें कौन सी जड़ी-बूटियां हैं सिरदर्द के लिए रामबाण

अगर आप माइग्रेन की समस्या से परेशान हैं, तो सिद्ध चिकित्सा का सहारा ले सकते हैं। इसमें प्राकृतिक तरीकों से माइग्रेन का इलाज किया जाता है। आइए, जानते हैं इसके बारे में विस्तार से -  

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Vibhoo Mishra
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वाईबीएन नेटवर्क। 

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आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में सिरदर्द होना एक आम बात है। लेकिन अगर सिर में लगातार दर्द बना रहे, तो यह माइग्रेन हो सकता है। खराब जीवनशैली, गलत खानपान और मोबाइल-लैपटॉप का ज्यादा इस्तेमाल करने के कारण माइग्रेन की समस्या हो सकती है। माइग्रेन में व्यक्ति को सिर में तेज दर्द होता है, जो आमतौर पर सिर के आधे भाग में होता है। यह दर्द तेज ध्वनि या प्रकाश से बढ़ सकता है। माइग्रेन के अधिकतर मामलों में दर्द के साथ उल्टी, मतली, बेचैनी और चक्कर आना जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं। ऐसे में, अक्सर लोग माइग्रेन के दर्द से राहत पाने के लिए पेन किलर्स का सहारा लेते हैं। लेकिन इनका ज्यादा सेवन सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। ऐसे में, आप चाहें तो इससे छुटकारा पाने के लिए सिद्ध चिकित्सा की ओर रुख कर सकते हैं। सिद्ध चिकित्सा में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों, संतुलित आहार, योग और जीवनशैली में सुधार के जरिए माइग्रेन का इलाज किया जाता है। आइए, जानते हैं इसके बारे में विस्तार से -

'त्रिफला' का सेवन फायदेमंद 

माइग्रेन की समस्या में त्रिफला चूर्ण बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। दरअसल, इसमें व‍िटाम‍िन-सी और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। इसके सेवन से साइनस मार्ग को खोलने में मदद मिलती है और सिरदर्द से भी राहत मिल सकती है। इसके लिए रोजाना रात में सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण का सेवन गुनगुने पानी के साथ करें।

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प्रभावी है 'नीलगिरी का तेल' 

नीलगिरी का तेल माइग्रेन के दर्द से राहत दिलाने में प्रभावी होता है। दरअसल, इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जो दर्द और सूजन को कम करते हैं। यह सिर की मांसपेशियों को आराम पहुंचता है, जिससे आप रिलैक्स महसूस करते हैं। इसके लिए नीलगिरी के तेल की कुछ बूंदें माथे पर लगाकर हल्के हाथों से मसाज करें। इससे आपको सिरदर्द से जल्द राहत मिल सकती है।

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'तिल का तेल' दिलाता है फौरी राहत 

आयुर्वेद के अनुसार, माइग्रेन वात दोष के कारण भी हो सकता है। तिल का तेल वात दोष को दूर करने में काफी फायदेमंद होता है। यह न सिर्फ सिरदर्द से आराम दिलाता है, बल्कि मांसपेशियों की ऐंठन को भी दूर करता है। अगर आप माइग्रेन के दर्द से परेशान हैं, तो अपनी नाक के दोनों छेदों में तिल के तेल की 2-2 बूंद डालें। इससे आपको सिरदर्द से जल्द राहत मिल सकती है।

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