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Health News : इयरफोन का कम करें इस्तेमाल नही तो कान की विकलांगता के हो जाएंगे श‍िकार

कान मे इयरफोन लगा कर फिल्म देखना, गाने सुनना, गेम खेलना ये अब बच्चों में ज्यादा देखने को मिल रही है। दो घंटे लगातार एयरफोन के प्रभाव से  दुष्प्रभावसे अंजान पीडित मरीज जीएसवीएम मेडिकल के हैलट अस्पातल में आने लगे है

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Saras Bajpai
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मोबाइल सुनते समय इयरफोन का कम इस्तेमाल करें।

इयरफोन का ज्यादा इस्तेमाल विकलांग बना सकता है। Photograph: (प्रतीकात्मक)

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कानपुर, वाईबीएन संवाददाता

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(Kanpur News) नई लाइफ स्टाइल में युवा वर्ग का कान मे इयरफोन लगा कर फिल्म देखना, गाने सुनना, गेम खेलना ये अब बच्चों में ज्यादा देखने को मिल रही है। दो घंटे लगातार एयरफोन के प्रभाव से  दुष्प्रभावसे अंजान पीडित मरीज जीएसवीएम मेडिकल के हैलट अस्पातल में आने लगे है जिसको देख कर डाक्टर भी हैरान हो गए है। अगर कान में दिन में दो घंटे  समय तक मोबाइन फोन को कान से सटाकर बात करते रहे तो कान के लिए शामत हो सकती है। इससे कान की कॉक्लियर नर्व क्षतिग्रस्त हो कसती है जिससे कान में सीटी बजने और सांय-सांय की आजाव आने लगती है। वही ईयर फाउंडेशन के सैंपल सर्वे में यह तथ्य सामने निकल कर आए है। 

ज्यादा देर बात करने से होती सिर व कान दर्द की शिकायत

जानकारी सूत्रों के अनुसार फाउंडेशन ने एक साल में लगभग 400 ऐसे रोगियो का आंकडा तैयार किया है जो 20  मिनट से ज्यादा ओर अधिकतम 2 घंटे  अधिक देर तक बात करते थे जिनमें महिलाओ की संख्या ज्यादा है। रोगियो के कान, सिर में लगातार दर्द बना रहने की शिकायत होने लगी। दर्द में साधारण दर्द निवारक गोली खाने से ज्यादा फायदा नजर नही आया। यह गंभीर समस्या के रूप में सामने आ रहा है।

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कम हो जाता ही एकाग्रता

वहीं ईयर फाउंडेशन के निदेशक ओर लाला लाजपत राय हॉस्पिटल के वरिष्ठ सर्जन डॉक्टर हरेंद्र  ने बताया कि मोबाइल फोन पर लगातार इस्तेमाल करने से यह दिक्कत लोगो में तेजी से बढ़ रही है। रोगियों का ब्यौरा तैयार किया गया जिसमें 19 साल से लेकर 60 साल तक की उम्र वाले रोगी है। उन्होंने बताया कि ज्यादातर रोगियों के कान में सीटी बजना, सांय -सांय की आवाज आने की दिक्कत बताई गई है। इसे सेनाइटिस कहते है। इस बीमारी में रोगी अवसारदग्रस्त की स्थिति में चला जाता है। साथ ही एकाग्रता में काफी कमी आ जाती है। 

पीड़ितों में महिलाओं की संख्या ज्यादा

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रोगियों में 55 फीसदी महिलाएं और 45 फीसदी पुरूष रोगी है। उन्होंने बताया कि सेनाइटिस के लक्षण बच्चो में जल्दी आते है और उनकी याददाशत कमजोर होने लगती है। इसमें खास कर मोबाइल का तेज सुनना है जो उन्हें इस बीमारी की तरफ तेजी से ले जा रही है। विशेषज्ञो का कहना है कि आएं रोगियो का आंकडा तैयार किया गया है। कॉक्लियर नर्व अधिक क्षतिग्रस्त होने के कारण बहरापन भी आने लगता है। इन रोगियों के कान में दर्द की शिकायत रहती है जो आम दर्द निवारक दवाओं से ठीक नही होती है। 

इन बातो का रखे ख्याल

कान की अधिकतम क्षमता लगातार 20 मिनट  बहुत ज्यादा 2 घंटे तक सुनने की है। तीन मिनट के अंतराल पर बात करने से रूके, आधे घंटे से अधिक बात करने से नर्व में स्थयी क्षति पहुंच सकती है। 15 मिनट तक बात करने में अस्थयी क्षति कान के बाहर की मांसपेशियों में दिक्कत होती है जिसे रिकवर किया जा सकतता है। हैंडसेट अगर गर्म हो गया हो तो फोन को कान से तुंरत ही हटा दे। साथ ही अगर बात करते -करते कान गर्म होने लगे तो फोन पर बात करना बंद कर दे।

Kanpur News
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