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Vitamin D Deficiency: सप्लीमेंट्स लेने से हो सकती है विटामिन डी की कमी दूर, जानें एक्सपर्ट की राय

देश में लोगों के शरीर में Vitamin D की कमी की समस्या काफी तेजी से बढ़ रही है। शहरी इलाकों में तो विटामिन की कमी काफी कॉमन है। विटामिन डी की कमी क्यों होती है? इसका लेवल कितना होना चाहिए? जानते हैं आर्थोपेडिक सर्जन से ऐसे सवालों के जवाब 

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Mukesh Pandit
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Vitamin D Deficiency:धूप में कम जाना और खानपान का ध्यान न रखने के कारण लोगों में विटामिन डी की कमी हो रही है। विटामिन की कमी के लक्षण शुरुआत में पता नहीं चलते हैं। जब इसकी कमी से जुड़े लक्षण दिखते हैं तो लोग डॉक्टर की सलाह पर जांच कराते हैं। तब पता चलता है कि ये विटामिन कम हो गया है। इस वजह से जोड़ों से लेकर हड्डियों तक में दर्द होता है। कुछ मामलों में न्यूरोलॉजिकल समस्याएं भी हो सकती है। विटामिन डी की कमी को लेकर लोगों के मन में कुछ सवाल जरूर होते हैं। 

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विटामिन डी कम क्यों होता है?

दिल्ली के आर्थोपेडिक सर्जन डॉ विमल कुमार बताते हैं कि विटामिन डी की कमी का सबसे बड़ा कारण धूप में न जाना है। आज के समय में लोग धूप से बचते हैं। खासतौर पर दफ्तरों में काम करने वाले लोग धूप के संपर्क में नहीं आ पाते हैं। ऐसे में शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है। लोगों को सलाह है कि दिन में कम से कम आधा घंटा धूप के संपर्क में आएं। सुबह 8 से 11 बजे के बीच का समय अच्छा है। धूप में जाने के दौरान ध्यान रखें कि स्किन का कोई न कोई हिस्सा धूप के सीधे संपर्क में जरूर आए। गर्मी के मौसम में कौशिश हो कि सुबह की नरम धूप ही हो। गर्मी में तेज धूप बर्न की समस्या उत्पन्न करसकती है।

विटामिन डी की कमी के कारण

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धूप में कम निकलना: विटामिन डी का मुख्य स्रोत सूर्य का प्रकाश है। आजकल लोग घरों और ऑफिसों में ज्यादा समय बिताते हैं, जिससे उन्हें पर्याप्त धूप नहीं मिल पाती है।
आहार में कमी : कुछ ही खाद्य पदार्थों में प्राकृतिक रूप से विटामिन डी पाया जाता है, जैसे कि वसायुक्त मछली, अंडे और फोर्टिफाइड दूध।
त्वचा का रंग : गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों में विटामिन डी का उत्पादन कम होता है।
मोटापा : मोटापे से ग्रस्त लोगों में विटामिन डी का स्तर कम हो सकता है।
कुछ चिकित्सीय स्थितियां : कुछ बीमारियों, जैसे कि क्रोहन रोग और सीलिएक रोग, विटामिन डी के अवशोषण को प्रभावित कर सकती हैं।

विटामिन डी का स्तर :

विटामिन डी का स्तर नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर (NG/ML) में मापा जाता है।
30 एनजी/एमएल से ऊपर: पर्याप्त
20-30 एनजी/एमएल: अपर्याप्त
20 एनजी/एमएल से नीचे: कमी

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विटामिन डी की कमी के लक्षण:

  • थकान
  • अच्छी नींद न आना
  • हड्डी में दर्द या पीड़ा
  • अवसाद या उदासी की भावनाएँ
  • बालों का झड़ना
  • मांसपेशियों में कमज़ोरी
  • भूख न लगना
  • ज़्यादा जल्दी बीमार पड़ना
  • त्वचा का पीला पड़ना

विटामिन डी की कमी के प्रभाव :

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  • हड्डियों का कमजोर होना और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ना
  • मांसपेशियों की कमजोरी और गिरने का खतरा बढ़ना
  • प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होना
  • कुछ प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ना
  • बच्चों में रिकेट्स नामक बीमारी हो सकती है।
  • विटामिन डी की कमी को दूर करने के उपाय:

धूप में निकलें : प्रतिदिन 15-20 मिनट धूप में रहें।

विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ खाएं: वसायुक्त मछली, अंडे, फोर्टिफाइड दूध और फोर्टिफाइड अनाज खाएं।
विटामिन डी सप्लीमेंट लें: डॉक्टर की सलाह से विटामिन डी सप्लीमेंट लें।

महत्वपूर्ण जानकारी:

  • विटामिन डी की कमी के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
  • अपने विटामिन डी के स्तर की जांच करवाएं।
  • अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार विटामिन डी सप्लीमेंट लें। Health Advice | Health Awareness | get healthy body | Digital health care | HealthcareEquality n
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