नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्ष के बीच उत्तर प्रदेश का एक गुमनाम गांव ईरान के हालिया राजनीतिक इतिहास की सबसे बड़ी हस्ती से अपने संबंधों के कारण अचानक सुर्खियों में आ गया है। ईरान के सबसे बड़े नेता मौलवी अयातुल्ला खामेनेई की जड़ें राज्य की राजधानी लखनऊ से लगभग 50 किलोमीटर दूर बाराबंकी जिले के किंटूर में थीं। कभी शियाओं के वर्चस्व वाले इस गांव की आबादी 13 हजार है लेकिन अब यहां केवल पांच शिया परिवार बचे हैं। किंटूर से अयातुल्ला खामेनेई के दादा सैयद अहमद मुसावी हिंदी 19वीं सदी में ईरान चले गए थे। गांव में अब रहने वाले पांच शिया परिवारों में से एक काजमी मुसावी के साथ दूर के रिश्तेदारी का दावा करते हैं।
कर्बला की यात्रा पर निकले तो ईरान में बस गए
सैयद निहाल काजमी के कमरे की दीवार पर खामेनेई का चित्र सजा हुआ है। वो दावा करते हैं कि उनके परदादा मुफ़्ती मोहम्मद कुली मुसावी और सैयद अहमद मुसावी हिंदी चचेरे भाई थे। काजमी के अनुसार सैयद अहमद मुसावी हिंदी का जन्म 1790 में किंटूर में हुआ था। 1830 में 40 वर्ष की आयु में वो अवध के नवाब के साथ यात्रा पर निकले। इराक के नजफ और कर्बला का दौरा करने के बाद वो ईरान में खोमैन पहुंचे। फिर मुसावी ने वहीं बसने का फैसला किया। काजमी का दावा है कि मुसावी ने अपने नाम के साथ हिंदी शब्द जोड़ा ताकि वह अपनी भारतीय जड़ों को दर्शा सकें।
मुसावी की तीसरी पत्नी से जन्मे थे खामनेई के पिता
1839 में मुसावी ने अपने दोस्त की बहन सकीनेह अहमद से शादी की। वह उनकी तीसरी पत्नी थीं, जिन्होंने खामेनेई के पिता सैयद मुस्तफा को जन्म दिया। मुसावी की मृत्यु 1869 में हुई और उन्हें कर्बला में दफनाया गया। काजमी यह भी दावा करते हैं कि मुसावी मूल रूप से ईरान के निशापुर के थे और 1700 के दशक की शुरुआत में भारत चले आए। फिर किंटूर में बस गए।
उनका कहना है कि वो काफी मिलनसार थे। काजमी कहते हैं कि यह एक विरासत थी जो मुसावियों द्वारा ईरान के निशापुर से किंटूर और फिर वापस ईरान की यात्रा के साथ पूरी हुई। स्थानीय निवासी अभी भी किंटूर में मुसावी परिवार के पैतृक निवास सैयद वाड़ा का जिक्र करते हैं। सैयद वाड़ा घर हालांकि जीर्ण-शीर्ण है। लेकिन ये एक यात्रा का गवाह है जिसने इस्लामी गणराज्य ईरान को बनाने में मदद की। एक अन्य स्थानीय निवासी सज्जाद रिजवी ने कहा कि लखनऊ और यहां तककि दूर-दूर से पर्यटक सिर्फ इस जगह को देखने के लिए यहां आते हैं। trending
Khamenei, Iran, village of Lucknow, Kintoor, Iran-Israel War